हिमाचल में कहीं पैदल, कहीं चौपर और नाव से पहुंचेंगी पोलिंग पार्टी

हिमाचल में विधानसभा उपचुनाव को लेकर बेशक अभी अटकलें चल रही हों, लेकिन लोकसभा को लेकर स्थिति एकदम साफ है। हालांकि राज्य की विकट भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यहां चुनाव करवाना चुनौती भरा है। कहीं पोलिंग पार्टी पैदल 13 किलोमीटर का सफर करेगी, तो कहीं हेलिकॉप्टर या नाव का सहारा लेना पड़ेगा।

हिमाचल प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण में पहली जून को मतदान होना है। राज्य के 7,990 पोलिंग बूथ पर मतदान करने के लिए 50 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की तैनाती की जा रही है।

हिमाचल प्रदेश के दूरदराज जिला चंबा में दो ऐसे बूथ हैं, जहां पोलिंग पार्टी को 13 किलोमीटर का पैदल सफर कर बूथ पर पहुंचने की चुनौती होगी।

भरमौर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले ऐहलमी बूथ पर पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को 13 किलोमीटर पैदल चलना होगा। यहां मतदाताओं की संख्या 183 है।

इसी तरह भटियात विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले चक्की बूथ पर पहुंचने के लिए भी पोलिंग पार्टी को 13 किलोमीटर का सफर पैदल चलकर तय करना होगा। यहां मतदाताओं की संख्या 135 है।

मतदान कर्मी नाव के जरिए करीब 5.5 किलोमीटर की दूरी तय कर इस मतदान केंद्र तक पहुंचते हैं। यहां मतदाताओं की संख्या 97 है। जिला लाहुल-स्पीति में 15 हजार 256 फीट की ऊंचाई पर सिर्फ 52 मतदाताओं के लिए भी एक मतदान केंद्र तैयार किया गया है।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग का कहना है कि चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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