बीड़-बिलिंग : पैराग्लाईडिंग के लिए विश्व विख्यात बीड़-बिलिंग घाटी 15 सितम्बर से एक बार फिर से मानव परिंदों से गुलज़ार होने जा रही है. इसी सन्दर्भ में प्रशासन ने बिलिंग घाटी का दौरा किया है. जिला पर्यटन अधिकारी सुनयना शर्मा,एसडीएम बैजनाथ छवि नांटा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
बिलिंग में पीने के पानी की व्यवस्था भी जांची गई.जिला पर्यटन अधिकारी का कहना है कि नई मंजिल नई राहें के तहत बिलिंग घाटी को विकसित करने के लिए 98 लाख रुपए बजट मंज़ूर हुआ था.
प्रपोजल बनी थी कि बिलिंग के लिए लिफ्ट केमाध्यम से पानी पहुँचाया जाए और बिजली का ट्रांसफार्मर व बिजली की तारें लगेंगी जोकि पैराग्लाईडिंग गतिविधियों के लिए जोखिम भरा काम है.
सुनयना शर्मा का कहना है कि आईपीएच विभाग से कहा है कि पीने के पानी के लिए पुराने स्र्तोत राजगुन्धा से ग्रेविटी के माध्यम से पाइपों को अंडरग्राउंड करके पानी का एस्टीमेट बनाया जाए.इसके लिए विभाग को अतिरिक्त धन मुहैया करवा दिया गया है.उन्होंनें बताया कि लम्बे समय से बिलिंग में यह समस्या आ रही है.
बरसात के कम होते ही बीड़ से बिलिंग तक नई मंजिल नई राहें के तहत जो भी विकास कार्य प्रस्तावित हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर करवाया जाएगा.
इस स्थल को प्रयत्न की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है. उधर बैजनाथ की एसडीएम छवि नांटा ने बताया कि बीड़ से बिलिंग के लिए सड़क पर कंकरीट का कार्य चल रहा है. बीड़ से 10 किलोमीटर तक सड़क ठीक है. आगे कंकरीट डालने का कार्य चल रहा है जो जल्द ही पूरा करवाने के लिए विभाग को कहा गया है.
उन्होंनें बताया कि विभाग का तर्क है कि एक ओर कोरोना ऊपर से भारी भारी बारिश के कारण कार्य करवाने में देरी हो रही है मगर शीघ्र ही यह कार्य करवाया जा रहा है.