जोगिन्दरनगर से आठ किलोमीटर दूर स्थित ‘मच्छयाल’ झील जोगिन्दरनगर आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षणों में से एक है. यहाँ रणा खड्ड पर बनी हुई दो झीलें में जिनमें बहुत सारी महाशीर मछलियाँ हैं. लोग इन मछलियों को आटा खिलाने के लिए दूर-दूर से आते हैं. यहाँ मंदिर भी बने हैं. (पढ़ें)
जोगिन्दरनगर और ‘मच्छयाल’ चाहे हिमाचल के पर्यटन के नक़्शे पर कुछ ख़ास स्थान नहीं बना पायें हो लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि यहाँ की खूबसूरती को सन 1972 में बनी फिल्म के निर्माता ने परदे पर उतार लिया था, और वो भी एक गाने में. जी हाँ, ‘मुनीमजी’ फिल्म के गाने ‘पानी में जले मेरा गोरा बदन..’ की पूरी शूटिंग मच्छयाल में हुई थी.
इस गाने को मच्छयाल की दोनों आलों (झीलों) और उनके बीच वाले हलके झरने के स्थान में जयश्री टी और रमेश देव पर फिल्माया गया है. नायिका पहले झरने वाले स्थान में पानी से अठखेलियाँ करती हैं और ‘पानी में जले मेरा गोरा बदन…’ गाती है।
थोड़ी देर के बाद नायक रमेश देव सिगरेट मुहं में दबाएँ ऊपर वाली झील के पानी में गोता लगाते हैं और तैरते हुए जयश्री टी के पास पहुँचते हैं और मस्ती करते हुए कम पानी वाले झरने की और चले जाते हैं.
पानी में जले मेरा गोरा बदन गाने की बाकि की शूटिंग निचली वाली बड़ी आल यानी झील और उसके साथ वाले पत्थरों में की गयी है. इनमें से एक पत्थर पर लोग आज भी आटा खिलाते हैं. फिल्म के गाने में मछलियों को बड़ी झील के पानी में गोल-गोल घूमते दिखाया गया है.
पालमपुर के पास ठाकुरद्वारा गाँव में जन्मे प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक जुगल किशोर ने ‘मछयाल’ में इस ‘हॉट’ गाने पानी में जले मेरा गोरा बदन को फिल्म की नायिका जयश्री टी और नायक रमेश देव पर फिल्माया था.
इस फिल्म के अन्य कलाकार योगिता बाली और अनिल धवन थे. गौरतलब है कि योगिता बाली प्रसिद्ध अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती की पत्नी हैं. इस गाने अपने समय की मशहूर गायिका सुमन कल्यानपुर ने आवाज दी थी.
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गौरतलब है कि जुगल किशोर ने गरीबी के चलते रोजगार के लिए मुंबई का रुख किया था. कड़ी मेहनत और संघर्ष से उन्होंने बॉलीवुड में एक खास मुकाम हासिल किया था.
देखें जुगल किशोर पर लेख
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