हिमाचल में सातवें चरण में होंगे लोकसभा चुनाव, विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव

हिमाचल का लोकसभा चुनाव कार्यक्रम

हिमाचल की चार लोकसभा सीटों शिमला, मंडी, कांगड़ा व हमीरपुर के लिए 7 मई को अधिसूचना जारी हो गई है। 14 मई तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे।

15 मई को नामांकन पत्रों की छंटनी होगी। 17 मई को नामांकन वापसी होगी। 1 जून शनिवार को मतदान होगा और 4 जून को नतीजे घोषित होंगे।

वहीं, लोकसभा के आम चुनाव के साथ छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होगा। ये सीटें कांग्रेस के छह बागी विधायकों के अयोग्य घोषित किए जाने के बाद खाली हुई हैं।

केंद्रीय चुनाव आयोग 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। हिमाचल प्रदेश की कुल चार लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव की तारीखों का एलान करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे।

पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। दूसरा चरण 26 अप्रैल, तीसरा चरण 7 मई, चौथा चरण 13 मई, पांचवा चरण 20 मई, छठा चरण 25 मई और सातवां चरण 1 को होगा।

स्टार प्रचारकों को चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश उपलब्ध करवाए जाएंगे

विभिन्न राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारकों को चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश व्यक्तिगत रूप से उपलब्ध करवाएंगे जाएंगे। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने के लिए यह कदम उठाया जाएगा। नेता प्रचार के दौरान रेड लाइट को क्रॉस करने से बचें। चुनाव प्रचार के लिए बच्चों का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा।

इस पर कड़ी कार्रवाई होगी। किसी भी उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड है तो उसे तीन बार अखबार और टीवी पर बताना पड़ेगा। राजनीतिक पार्टी को भी बताना पड़ेगा कि वो उसे टिकट क्यों दे रही है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की शायरी में मतदाताओं को फर्जी खबरें और असत्यापित जानकारी आगे नहीं बढ़ाने की सलाह दी गई है। राजनीति दलों को व्यक्तिगत टिप्पणी व अभद्र भाषा के इस्तेमाल से बचना चाहिए।

हिंसा मुक्त चुनाव करवाएंगे, धन के दुरुपयोग पर लगेगी रोक

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव में हिंसा पर सख्त कार्रवाई होगी। चुनाव में हिंसा की बिल्कुल गुंजाइश नहीं। हिंसा मुक्त चुनाव करवाना सुनिश्चित किया जाएगा। ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी। चुनाव में धनबल का इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा। चुनाव में धन का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। बीते चुनाव में हिमाचल सहित 11 राज्यों में 3400 करोड़ जब्त हुए थे। काले धन के इस्तेमाल को रोकने के भरपूर प्रयास करेंगे। कुछ राज्यों में बल का प्रयोग ज्यादा है, कुछ राज्यों में धन का प्रयोग ज्यादा होता है। हमारे पास पूरे आंकड़े हैं।

85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता का घर में करवाना जाएगा मतदान

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, “85 वर्ष से अधिक उम्र के जितने भी मतदाता हैं, उनके घर जाकर मतदान करवाया जाएगा। इस बार देश में पहली बार ये व्यवस्था एक साथ लागू होगी कि जो 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता हैं और जिन्हें 40 फीसदी से अधिक की विकलांगता है, उनके पास हम फॉर्म पहुंचाएंगे अगर वो मतदान का ये विकल्प चुनते हैं।” कहा कि 12 राज्यों में महिला मतदाताओं का अनुपात पुरुष मतदाताओं से अधिक है।

साढ़े 21 करोड़ युवा मतदाता इस लोकसभा चुनाव में अपने मत का इस्तेमाल करेंगे। 82 लाख मतदाता 85 वर्ष की आयु से अधिक के हैं। 48 हजार ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाता होंगे। 20 से 29 साल उम्र के 19.74 करोड़ मतदाता होंगे। 82 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 85 साल से ज्यादा है।

हमारी स्याही तैयार: मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पत्रकार वार्ता में कहा कि सभी लोगों को अभिनंदन, आप सभी का यहां पर स्वागत है। हम मतदाताओं से अपील करना चाहूंगा कि हमारी स्याही तैयार है। कहा कि एक यादगार व निष्पक्ष चुनाव सबकी भागीदारी से सुनिश्चित किए जाएंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा हमारे पास 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। 10.5 लाख मतदान केंद्र, 1.5 करोड़ मतदान अधिकारी और सुरक्षा कर्मचारी, 55 लाख ईवीएम व 4 लाख चुनाव वाहन हैं।

इस तरह से विश्व में सबसे बड़ा मतदाता वर्ग हमारे देश में है। 10.5 लाख पोलिंग स्टेशन हैं। इसमें 49.7 करोड़ पुरुष और 47 करोड़ महिला मतदाता हैं। 1.82 करोड़ पहली बार मतदाता इन चुनावों में हैं।

हिमाचल में 2,93,875 नए मतदाता डालेंगे वोट

हिमाचल की चार लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में 2,93,875 से अधिक मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। प्रदेश में 55,68,171 से अधिक मतदाता हैं। इनमें से 28,12,976 पुरुष, 27,55,160 महिला और 35 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं।

लोकसभा चुनाव 2019 में 52,62,126 मतदाताओं ने मतदान किया था। लोकसभा चुनावों में मत प्रतिशतता बढ़ाने के उद्देश्य से वोटरों को पोलिंग बूथ तक ले जाने के लिए राज्य निर्वाचन विभाग विशेष अभियान चलाएगा। निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनावों के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं।

चुनावों की घोषणा से पहले ही चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है ताकि चुनावों के दौरान कोई समस्या पेश न आए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग का कहना है कि लोकसभा चुनावों में मत प्रतिशतता बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

राजनीतिक पार्टी अथवा प्रत्याशी की ओर से वोटरों को किसी भी प्रकार के प्रलोभन दिए जाने पर कार्रवाई के प्रावधानों को लेकर भी लोगों को जागरूक किया जाएगा।

कांगड़ा संसदीय सीट

कांगड़ा सीट से पिछले नौ चुनावों में सात बार भाजपा जीती है। पिछले तीन चुनाव भाजपा ने लगातार जीते हैं। शुरुआत में यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है।

ऐसे में भाजपा के चौके को रोकने और फिर वर्चस्व बनाने के लिए कांग्रेस खूब माथापच्ची कर रही है। धर्मशाला से कांग्रेस के अयोग्य घोषित विधायक सुधीर शर्मा की बगावत के बाद यह सीट हॉट हो गई है। सदीय क्षेत्र में आने वाले कांगड़ा जिले के 13 विस क्षेत्रों में से 10 में कांग्रेस के विधायक हैं।

इनमें एक धर्मशाला से अयोग्य घोषित विधायक सुधीर शर्मा हैं। चंबा के चार विधानसभा क्षेत्रों में से दो में कांग्रेस विधायक हैं। कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र में भाजपा के 5 विधायक हैं।

चंबा के भरमौर से भाजपा विधायक का क्षेत्र मंडी और कांगड़ा जिले के जसवां परागपुर से भाजपा विधायक का क्षेत्र हमीरपुर में आता है। देहरा से निर्दलीय विधायक हैं।

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