प्रदेश के 2000 से ज्यादा एसएमसी शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है। प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि एसएमसी शिक्षकों के लिए एक बार फिर से कोर्ट का दरवाजा सरकार खटखटाएगी। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि एसएमसी शिक्षकों के लिए सरकार के वकील केस लड़ेंगे।
वहीं, कानूनी सलाह मशविरा भी किया जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट का अंतिम फैसला क्या रहता है, यह भी देखा जाएगा। फिलहाल कैबिनेट बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में यह बात तो साफ कर दी कि अभी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को भरना आसान नहीं है।
ऐसे में आगे भी दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं देने वाले शिक्षकों की नौकरी को जारी रखने को लेकर कोर्ट से गुहार लगाई जाएंगी। बता दें कि दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में सबसे ज्यादा एसएमसी शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। इसमें 140 किन्नौर जिला, पांगी में 100, भरमौर में 126, 164 लाहुल-स्पीति के सरकारी स्कूलों में एसएमसी शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं।
सरकार का दावा है कि सरकार एसएमसी शिक्षकों के खिलाफ कभी भी नहीं रही है। कोर्ट के एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी शिक्षकों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार एसएमसी शिक्षकों को हक दिलाने का प्रयास करेगा।
कैबिनेट खत्म होने के बाद सुरेश भारद्वाज ने भी यह कहा कि कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करना उचित नहीं है, लेकिन सरकार कानूनी पेचीदगियों को देखेगी।
सरकार द्वारा उसके बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा। सरकार किस तरह से मदद कर सकेगी, इस पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी नौजवान को रोजगार मिलना महत्त्वपूर्ण विषय होता है। सरकार की ओर से शिक्षकों को पूरा सहयोग दिया जाएगा।