सरकारी स्कूलों में होगा पहली कक्षा से इंग्लिश मीडियम : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि अगले शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में व्यवस्था परिवर्तन किया जाएगा। अगले शिक्षा सत्र से पहली कक्षा से ही साइंस और मैथ इंग्लिश में पढ़ाए जाएंगे, जबकि शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट के लिए विदेश भी भेजा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने राजकीय कन्या मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।

इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय में छात्राओं के लिए पांच करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले छात्रावास का शिलान्यास किया और सभी कक्षाओं को स्मार्ट क्लास में बदलने की घोषणा भी की।

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 के मेधावी विद्यार्थियों को श्रीनिवास रामानुजन योजना के तहत टैबलेट प्रदान करने का शुभारंभ किया और 16 मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट प्रदान कर सम्मानित भी किया।

उन्होंने कहा कि टैबलेट प्राप्त करने वाले प्रदेश के कुल 10,540 विद्यार्थियों में से 7,520 बालिकाएं हैं।

अगले शिक्षा सत्र से पहली कक्षा से ही साइंस और मैथ इंग्लिश में पढ़ाए जाएंगे। राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी राजकीय डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने जा रही है, जहां विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के उपाय किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए स्कूल को एक लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि यह विद्यालय प्रदेश के उत्कृष्ट विद्यालयों में से एक है।

इसका समृद्ध इतिहास है तथा प्रदेश भर से छात्राएं इस स्कूल में पढऩे के लिए आती हैं। विधायक हरीश जनारथा ने छात्रावास की मांग को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे यहां पढऩे वाली छात्राओं को सुविधा मिलेगी।

इससे पहले विद्यालय की प्रधानाचार्या ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत किया और स्कूल की उपलब्धियों की जानकारी दी। एसएमसी के अध्यक्ष ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर, उपायुक्त आदित्य नेगी, निदेशक उच्च शिक्षा डा. अमरजीत शर्मा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा आशीष कोहली, लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता अजय गुप्ता और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

विशेष बच्चों पर बजट में आएगी नई योजना

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के 4000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ का दर्जा दिया है, जिसके तहत उनकी देख-रेख, शिक्षा और आत्मनिर्भर बनाने का जिम्मा राज्य सरकार का कानूनी दायित्व है।

विशेष बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए अगले बजट में एक योजना लाई जाएगी। राज्य सरकार मेधावी छात्राओं को ई-स्कूटी खरीदने के लिए 25 हजार रुपए का अनुदान प्रदान कर रही है।

एक फीसदी ब्याज पर मिलेगा एजुकेशन लोन

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुविधाओं के अभाव में कोई विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित न रहे इसके लिए राज्य सरकार ने डा. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की है, जिसके तहत उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज पर 20 लाख रुपए तक ऋण उपलब्ध करवा रही है।

इस योजना के तहत प्रदेश सरकार एडमिशन फीस की पहली किस्त उपायुक्त के माध्यम से प्रदान करेगी, ताकि ऋण मिलने में देरी होने के कारण उसे एडमिशन से हाथ न धोना पड़े।

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