फरवरी महीने में बिजली बोर्ड कुछ वर्गों को बिना सबसिडी के बिल जारी करेगा। इसकी तैयारी की जा रही है, हालांकि अभी पूरा डाटा बोर्ड के पास नहीं जुट सका है परंतु 31 जनवरी तक इस काम को पूरा करने के लिए कहा गया है।
राजपत्रित अधिकारियों का आंकड़ा सरकारी महकमों से मांगा गया है जिसमें अधिकांश विभागों ने इससे संबंधित जानकारी दे दी है मगर अभी भी कुछ विभाग हैं जिनसे जानकारी नहीं मिली है।
मगर एक डाटा बिजली बोर्ड के पास उपलब्ध है जिसमें स्वेच्छा से जिन लोगों ने सबसिडी को छोड़ा है उनको बिना सबसिडी के ही बिल आएगा।
उपभोक्ताओं को सरकार एक रुपए प्रति यूनिट की दर से सबसिडी प्रदान करती है जो कि स्वेच्छा से सबसिडी छोडऩे वाले 1100 के करीब उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगी।
पिछले सप्ताह यह आंकड़ा एक हजार तक पहुंच गया था। इसके अलावा राजपत्रित अधिकारियों की बात करें तो इनका पूरा डाटा कलेक्ट करने का काम चल रहा है जो अगले तीन-चार दिनों में पूरा कर दिया जाएगा।
राजपत्रित अधिकारी यानि क्लास-ए व क्लास-बी के प्रथम व द्वितीय श्रेणी के कर्मचारी हैं, को इस दायरे में लाया जाएगा। सरकार ने इनकी बिजली सबसिडी को बंद करने का निर्णय लिया है।
पूरा डाटा आने के बाद बोर्ड इसका आंकलन करेगा कि उनकी सबसिडी को खत्म करने के बाद सरकार को इससे कितना फायदा हुआ है, तय है कि फरवरी महीने में जनवरी का जो बिजली बिल जिन लोगों को आएगा वो बिना सबसिडी के होगा।
15 फरवरी तक ई-केवाईसी करवाने के आदेश
ईकेवाईसी की बात करें तो इसका काम भी चल रहा है। अभी इसमें 15 फरवरी तक का समय सरकार ने बिजली बोर्ड और उपभोक्ताओं को दे रखा है।
सरकार ने साफ कहा है कि 15 फरवरी तक जो लोग अपनी ईकेवाईसी नहीं करवाएंगे तो खुद ब खुद मान लिया जाएगा कि वो सबसिडी नहीं लेना चाहते हैं।
यह विस्तृत आंकड़ा सामने आने के बाद तय किया जाएगा कि फिर एक मीटर पर कितने उपभोक्ताओं को सबसिडी मिलेगी जिसके लिए सरकार अलग से फैसला लेगी। अभी सरकार केवल आंकड़ा जुटा रही है और जानकारी मिलने के बाद इस सबसिडी पर फैसला लिया जाएगा।