हिमाचल में त्यौहारी सीजन में विद्यार्थियों से भेदभाव, शारीरिक दंड देने पर रोक

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में त्योहारी सीजन के दौरान विद्यार्थियों से भेदभाव और शारीरिक दंड देने पर रोक लगा दी गई है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पहल पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सोमवार को सभी जिला उपनिदेशकों को इस बाबत निर्देश जारी किए। रक्षाबंधन के दौरान राखी, तिलक या मेहंदी लगाने पर दंड देने की शिकायतों पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए सभी राज्य सरकारों को पत्र जारी किए हैं।

अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 17 का पालन करने का पत्र में हवाला दिया गया है। इसी कड़ी में शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को आदेशों का पालन करने को कहा है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने त्योहारों के दौरान स्कूलों में बच्चों के साथ होने वाले भेदभाव और उत्पीड़न के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए निर्देश जारी किए हैं।

यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम और निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम सहित विभिन्न अधिनियमों के तहत बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए आयोग जिम्मेदार है।

ऐसे में आयोग ने आने वाले त्योहारों के मद्देनजर स्कूलों में किसी भी तरह के भेदभाव या शारीरिक दंड को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी करने का सभी राज्य सरकारों से आह्वान किया है।

इसी कड़ी में सोमवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली की ओर से शिक्षा सचिव राकेश कंवर के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी किए गए हैं।

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