बीड़-बिलिंग : विश्व पैराग्लाइडिंग के लिए प्रसिद्ध तथा दुनिया के नंबर दो साइटों में शुमार पैराग्लाइडिंग के लिए प्रसिद्ध साईट बीड-बिलिंग घाटी में इस वर्ष पैराग्लाइडिंग इवेंट न होने के चलते पायलटों ने प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायक के प्रति जमकर रोष जताया है. मानव परिंदों से जहाँ इस महीने सारा आकाश गुलज़ार रहता था वहीँ सरकार की अनदेखी के चलते यह प्रतियोगिता बिलासपुर में करवाई जा रही है. सरकार की अनदेखी के चलते इस बार बीड़ -बिलिंग घाटी को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है तथा पर्यटन की दृष्टि से भी इस घाटी में खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. इस वर्ष बिलासपुर के बंदलाधार में शुरू हुई, 3 दिवसीय एक्रो एंड एक्यूरेसी प्रतियोगिता के आयोजन के बाद बिलिंग के कई नामी पायलटों ने प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायक के प्रति जमकर गुब्बार निकाला है.इस कदम से पर्यटन की तादाद में काफी कमी देखने को मिलेगी, इसके साथ ही हजारों की तादाद में स्थानीय लोगों के रोजगार पर संकट के बादल मंडरा जाएगें.
सरकार की कमी से हुआ इवेंट शिफ्ट
पायलटों का कहना है कि प्रदेश सरकार की इच्छाशक्ति में कमी के चलते यहां से पैराग्लाइडिंग इवेंट शिफट हुआ है। उन्होंने कहा कि बिलिंग घाटी में हुए सफल वर्ल्ड कप के बाद यहां पर्यटकों की संख्या में बढौतरी हुई थी, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा घाटी में इस बार अंर्तराष्ट्रीय इवेंट का न करवाना कहीं न कहीं सरकार की बेरूखी को दर्शाता है.
बिलिंग घाटी को किया नजरअंदाज
गौर रहे कि बिलिंग घाटी पूरे विश्व में दूसरे स्थान पर काबिज है, जबकि पूरे एशिया में बिलिंग घाटी का स्थान सबसे उपर है. जहां देश-विदेश से सैंकड़ों पैराग्लाडर पायलट इस घाटी को पैराग्लाइडिंग के स्वर्ग कहते हैं. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार को बिलिंग घाटी से कोई सरोकार नहीं रहा है और साहसिक खेल पैराग्लाइडिंग को बिलिंग से शिफ्ट करने की कोशिश की जा रही है.

लोगों पर छाएगा रोजगार का संकट
उन्होंने कहा कि इस कदम से पर्यटन की तादाद में काफी कमी देखने को मिलेगी, इसके साथ ही हजारों की तादाद में स्थानीय लोगों के रोजगार पर संकट के बादल मंडरा जाएगें. गौरतलब है कि वर्ष 1982 में बिलिंग घाटी में तत्कालीन मंत्री रहे स्व. पंडित संतराम ने पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता का आयोजन करवाया था. जिसके बाद विदेशी पायलटों ने भी बिलिंग से उड़ान भर कई रिकार्ड अपने नाम किए थे.
वापिस लौटे पायलट
उसके बाद साल दर साल बिलिंग घाटी में कई प्री वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ. इतना ही नहीं बीते वर्ष भारतीय सेना द्वारा बिलिंग घाटी में कप करवाया था और इसकी जमकर सराहना की थी. इस बार घाटी में किसी भी प्रकार के इवेंट न होने से विदेशी पायलट भी लौट चुके हैं.
बीड़ बिलिंग की चमक रखेंगे बरकरार: बीपीए
बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के महासचिव सुरेश ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग घाटी की चमक फीकी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. उन्होंने कहा कि वीपीए आगामी सप्ताह में बैठक का आयोजन कर रही है और जल्द ही बिलिंग में इवेंट करवाने को लेकर कोई फैसला लिया जा सकता है.






























