जोगिन्दरनगर : प्रदेश की जीवनरेखा कहलाने वाली पठानकोट-जोगिन्दरनगर रेललाइन पिछले करीब डेढ़ साल से जनता के लिए परेशानी का सबब बन गई है। पठानकोट-जोगिन्दरनगर रेलमार्ग की लगातार अनदेखी होती आ रही है। मार्च 2020 में कोरोनाकाल के चलते उक्त रेलमार्ग पर गाडिय़ों की आवाजाही बंद कर दी गई थी, उसके बाद रेल विभाग द्वारा वर्ष 2021 में चार ट्रेनों को चलाया गया, लेकिन बाद में बरसात का हवाला देते हुए इनको बंद कर दिया गया। अब उक्त रेलमार्ग पर दो ही गाडिय़ां गुजरती हैं तथा वे भी मात्र जवालामुखी रोड तक ही जाती हैं तथा वहीं से पठानकोट के लिए वापस हो जाती हैं।
जिला कांगड़ा व मंडी की अधिकतर आबादी आवागमन के लिए रेलगाडिय़ों पर ही निर्भर करती है, लेकिन रेलगाडिय़ों के न चलने से आवागमन करने में काफी परेशानी हो रही है। समस्त रेलगाड़ियों के न चलने से कालेज छात्र-छात्राओं सहित रोजमर्रा के अपने कार्यों को जाने वाले लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
करीब 156 किलोमीटर लंबे उक्त रेलमार्ग पर सात गाडिय़ां पठानकोट से जोगिन्दरनगर की तरफ चलती हैं, जबकि सात रेलगाडि़य़ां जोगिन्दरनगर से पठानकोट की तरफ गुजरती हैं, जिनमें काफी ज्यादा सवारियां अपडाउन करती हैं। अश्विनी, सुरेश, राजन, मनजीत, कुलविंद्र, संजय व राज कुमार इत्यादि ने कहा कि प्रदेश से चार लोकसभा सदस्य हैं, लेकिन चारों लोकसभा सदस्य इस रेललाइन पर बंद पड़ी रेलगाडिय़ों को बहाल करवाने में असमर्थ दिख रहे हैं।
लोगों ने कहा कि कांगड़ा-चंबा के सांसद किशन कपूर ने चुनाव से पहले इस रेलमार्ग को प्राथमिकता से ब्राडगेज करवाने का वादा किया था, लेकिन अब उनको अपना वादा शायद ही याद होगा। जनता ने रेल मंत्रालय सहित सांसद अनुराग ठाकुर, सांसद किशन कपूर से मांग उठाई है कि अतिशीघ्र पठानकोट-जोगिन्दरनगर रेलमार्ग पर रेलगाडिय़ों की अवाजाही को बहाल किया जाए।