सीमैंट की 2 फैक्टरियां बंद, हजारों कर्मचारियों को काम पर न आने का फरमान

हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के दाड़लाघाट में स्थित अंबुजा सीमैट प्लांट और एसीसी प्लांट के बरमाणा एसीसी सीमैंट उद्योग पर बुधवार को कंपनी ने ताला लगा दिया। अम्बुजा सीमैंट कंपनी दाड़लाघाट अनिश्चितकाल के बंद हो गई है। कंपनी ने बुधवार को दोनों प्लांटों का अचानक बंद करने का निर्णय लेकर कर्मचारियों को वीरवार से फैक्टरी में न आने का फरमान जारी कर दिया है।

इसके कारण इस कंपनी में कार्यरत करीब 2 हजार कर्मचारियों के भविष्य पर तलवार लटक गई है। मालभाड़े को लेकर  कंपनी प्रबंधन व ट्रक आपरेटर सोसायटियों के पदाधिकारियों की हुई बैठक के बेनतीजा समाप्त होने के बाद सीमैंट प्लांट को बंद करने का निर्णय लिया गया। अम्बुजा सीमैंट कंपनी के महाप्रबंधक राजेश लखनपाल ने सीमैंट फैक्ट्री को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की पुष्टि की है। बरमाणा एसीसी सीमैंट फैक्टरी 15 दिसम्बर से बंद रहेगी।

एसीसी में 15 दिसम्बर से काम पर न आने का फरमान
एसीसी बरमाणा प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों और कामगारों को 15 दिसम्बर से काम पर न आने का फरमान जारी हुआ है। जब तक हालात में सुधार नहीं आता तब तक काम पर न लौटें और आदेश का इंतजार करें। सिर्फ आपातकालीन सेवाओं में सुरक्षा कर्मचारी, बिजली व पानी विभाग ही सेवाएं देगा।

यह नोटिस एसीसी प्रबंधन ने आज बुधवार को शाम 5 बजे सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को वितरित कर दिए हैं। उधर अम्बुजा सीमैंट प्लांट अब अदानी ग्रुप का है। कंपनी ने सीमैंट, क्लिंकर व कच्चे माल की ढुलाई में लगी एसडीटीओ, बाघल लैंड लूजर्ज, एडीकेएम, गोल्ड लैंड लुजर्ज, एक्स जेडएसबीएस, केएलएलटी व एमएएलएल सोसायटियों को मालभाड़े के रेट कम करने के लिए पत्र लिखा था।

कंपनी का स्पष्ट कहना था कि वह वर्तमान रेट पर  माल ढुलाई करने का तैयार नहीं है क्योंकि इसके कारण सीमैंट की उत्पादन लागत बढ़ रही है। परिवहन लागत अधिक होने के कारण कंपनी को बहुत नुक्सान उठाना पड़ रहा है। यदि यही स्थिति बनी रही तो सीमैंट उत्पादन को ही बंद करना पड़ेगा।

उधर, दाड़लाघाट में अंबुजा कंपनी के द्वारा एक पत्र उपायुक्त महोदय और दाड़ला घाट की ट्रांसपोर्ट सोसायटिओं को जारी किया गया, जिसमें ट्रांसपोर्टरों को भाड़ा कम करने और पुरानी दरों पर माल ढुलाई करने के बारे में कहा गया। साथ ही कंपनी द्वारा यह भी जताया गया यदि आप पुराने दरों पर माल ढुलाई नहीं करेंगे तो बाहरी राज्यों से ट्रांसपोर्ट को बुलाकर कंपनी द्वारा कार्य किया जाएगा।

4 हजार ट्रकों के थमेंगे पहिए 
वीरवार से एसीसी फैक्टरी बरमाणा के बंद हो जाने से अब ट्रक परिवहन पर निर्भर बरमाणा से लेकर स्वारघाट तक छोटे-छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यवसायियों पर भी असर पड़ेगा। एसीसी की गागल इकाई में 4 हजार ट्रकों के पहिए घूम रहे थे।

वहीं उनके साथ जुड़े ट्रक चालक व परिचालक तथा मैकेनिक के अलावा एसीसी में 300 कर्मचारी काम कर रहे हैं, वहीं 900 कामगार कांट्रैक्टर के अधीन जुड़े हैं। अडानी समूह पिछले कई दिनों से यह बात कह रहा था कि एसीसी की गागल इकाई घाटे में चल रही है और सुधार के संकेत भी नजर नहीं आ रहे हैं। उधर अंबुजा कंपनी में 7 ट्रक ऑप्रेटर सोसायटियों में कार्यरत करीब 3 हजार ट्रक आप्रेटरों के सामने में एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

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