हिमाचल में एक महीने से ज्यादा समय से बंद पड़े दो सीमेंट उद्योगों एसीसी और बरमाणा के मुद्दे पर उद्योग मंत्री के स्तर पर शुक्रवार को पहली बार बैठक हुई। इसमें ट्रक ऑपरेटर यूनियन के साथ अडानी कंपनी के अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में इस विवाद का कोई हल तो नहीं निकल पाया, लेकिन उद्योग मंत्री ने मुख्यमंत्री से चर्चा करने के बाद मालभाड़े की रेट नोटिफाई करने को लेकर आश्वासन दिया।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने ट्रक ऑपरेटर यूनियन बरमाणा एवं दाड़लाघाट और सीमेंट कंपनी प्रबंधन के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के बाद उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य ट्रक ऑपरेट्र्स यूनियन और सीमेंट कंपनी प्रबंधन के बीच आम सहमति बनाना है, ताकि सीमेंट संयंत्र अपना संचालन फिर से सुचारू रूप से शुरू कर सकें।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कंपनी प्रबंधन और उसके मालिकों से अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है और इन संयंत्रों का जल्द से जल्द क्रियाशील करना सरकार की प्राथमिकता है। इस प्रकरण से राज्य सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। इसके अलावा ट्रक संचालक एक महीने से भी अधिक समय से बिना काम के हैं।
उन्होंने कहा कि जो लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी से जुड़े हुए हैं, वह अपनी आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस अवसर पर निदेशक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग केसी चमन, निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति, निदेशक हिमाचल पथ परिवहन निगम अनुपम कश्यप, ट्रक ऑपरेटर और अडानी कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मैदानी राज्यों के रेट थोप रही कंपनी
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में दाड़लाघाट ट्रक यूनियन से रामकिशन समेत अन्य यूनियन पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि अडानी कंपनी मैदानी राज्यों का रेट पहाड़ी राज्य हिमाचल में थोपना चाहती है।
दरअसल कंपनी ने राज्य सरकार की उस तैयारी के विरोध में तालाबंदी की है, जिसमें सिविल सप्लाई के रेट पर आम आदमी को सीमेंट देने की बात हो रही थी।
ट्रक ऑपरटरों ने दोनों सीमेंट उद्योगों का ऑडिट करवाने की भी मांग सरकार के सामने रखी, ताकि महंगे सीमेंट की हकीकत पता चल सके। ट्रक यूनियन साफ कह गई है कि यदि ढुलाई रेट उनके अनुसार नहीं होगा, तो प्रदर्शन जारी रहेगा।
तीन साल में कंपनी से एक्स्ट्रा ट्रक हटाए जाएं
बैठक में आने से पहले अडानी कंपनी के सीमेंट बिजनेस के सीईओ अजय कपूर की ओर से एक ज्ञापन राज्य सरकार को दिया गया है। इसमें कहा गया है कि कंपनी को सिर्फ 550 नए और मल्टी एक्सल ट्रक चाहिए।
बाकी हजारों ट्रकों को राज्य सरकार दोनों सीमेंट उद्योगों से तीन साल के भीतर फेज आउट करे। कंपनी ने सरकार से अंबुजा और एसीसी के सीमेंट बैग स्वैप करने की भी मंजूरी मांगी है।
कंपनी ने साफ किया है कि माल भाड़ा तय करने के लिए होने वाली कैलकुलेशन में एनुअल किलोमीटर 50000 ही लिए जाएंगे। कंपनी ने यह भी कहा है कि ट्रक यूनियनों की हठधर्मिता के कारण हिमाचल में निवेश लाने में दिक्कत आ रही है और सरकार इस गंभीरता को समझे।
दाड़लाघाट में 38 दिन से हो रहा प्रदर्शन
माल ढुलान को लेकर दाड़लाघाट में सीमेंट प्लांट व ट्रक ऑपरेटरों के बीच का विवाद अभी सुलझने का नाम नहीं ले रहा। दूसरी तरफ अल्ट्राटेक सीमेंट प्रबंधन बागा ने भी प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर कह दिया है कि यदि माला भाड़ा नहीं घटाया, तो सीमेंट प्लांट बागा को भी बंद करना पड़ेगा।
इधर, जिला सोलन के दाड़लाघाट में तो पहले से ही ऑपरेटरों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं और अब बागा में माल ढुलाई कर रहे ट्रक ऑपरेट्र्स को भी माल भाड़े की चिंता सताने लगी है।
दाड़लाघाट में 38 दिनों से माल ढुलान का विवाद हल होने की बजाय दिन-प्रतिदिन उलझता जा रहा है, अब ट्रक ऑपरेटरों का सब्र का बांध टूट रहा है।
ऑपरेटर 37 दिनों से शांतिप्रिय ढंग से आंदोलन कर रहे हंै। शुक्रवार को 38वें दिन ट्रक ऑपरेट्र्स अंबुजा के मुख्य द्वार पर एकत्रित हुए। (एचडीएम)
हिमाचल नहीं आने देंगे अडानी कंपनी के सीमेंट से लदे ट्रक
दि जिला बिलासपुर ट्रक ऑपरेटर परिवहन सहकारी सभा (बीडीटीएस) के कोर ग्रुप की बैठक में सभी ने एकमत होकर निर्णय लिया कि यदि मामला समय रहते नहीं सुलझा, तो अडानी समूह के सीमेंट को न बाहरी राज्य में और न ही हिमाचल में आने देंगे।
इसके लिए हिमाचल की सभी सीमाओं को सील करने जैसा कदम उठाया जा सकता है। बैठक में इस बात पर रोष जताया कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के साथ ट्रक ऑपरेटरों की बैठक में बीडीटीएस को न्यौता नहीं दिया गया, जिसके चलते अब जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलने का कार्यक्रम भी बनाया जा रहा है।
ट्रक ऑपरेटर हक के लिए अब निर्णायक जंग लडऩे की तैयारी में हैं। एसीसी प्लांट की तालाबंदी हुए एक महीने से अधिक समय हो चुका है, मगर मामला अभी तक नहीं सुलझ पाया है।
कोर ग्रुप की मीटिंग शुक्रवार को सभा के बरमाणा कार्यालय में प्रधान राकेश ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें वरिष्ठ उपप्रधान कमल किशोर, उपप्रधान जय सिंह ठाकुर, महासचिव प्रदीप ठाकुर, मुख्य संरक्षक अनिल हैप्पी,
वाइस चेयरमैन गंगा सिंह ठाकुर, कोषाध्यक्ष सुरेश चौधरी, चीफ कोषाध्यक्ष संतोष ठाकुर, सह-सचिव विकास भार्गव, सह-कोषाध्यक्ष व प्रवक्ता राजपाल ठाकुर व चीफ सेक्रेटरी कुलदीप ठाकुर उपस्थित रहे।
मीटिंग सुबह 11:30 बजे शुरू हुई और दोपहर 2:30 बजे तक चली जिसमें कई महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा के अलावा हिमकॉन की रिपोर्ट को लेकर भी कई सवाल उठाए गए। सभा के प्रिंसीपल सेक्रेटरी कुलदीप ठाकुर ने कहा कि ट्रांसपोर्टर्स का मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा है ।
यह हैरानी का विषय है कि सरकार भी कोई एक्शन नहीं ले रही है और मसले को लेकर एक बार फिर सीएम से मिलने को लेकर चर्चा हुई है। केंद्र सरकार को भी घेरने के लिए खाका तैयार किया जा रहा है।
सभा के प्रधान राकेश ठाकुर ने कहा कि मालभाड़े को लेकर कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स सोसायटियों के बीच विवाद को 36 दिन हो गए हैं और ट्रक सडक़ किनारे खड़े हैं, लेकिन अभी तक ट्रांसपोर्टर्स का मामला सुलझता नजर नहीं आ रहा है।
मीटिंग में न बुलाने पर रोष
बीडीटीएस बरमाणा की कोर ग्रुप की बैठक में इस बात को लेकर रोष प्रकट किया गया कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की ट्रक ऑपरेटरों के साथ आयोजित बैठक में सभा को नहीं बुलाया गया, जबकि इस बैठक में उद्योग मंत्री के समक्ष हिमकॉन की रिपोर्ट को लेकर विचार-विमर्श होना था।
बैठक के लिए न बुलाए जाने के लिए सभी ने एकमत होकर सरकार की कार्यशैली के प्रति रोष जाहिर किया। इस बैठक में बीडीटीएस सभा के किसी भी प्रतिनिधि को निमंत्रण नहीं मिला था।