ब्यास में बहे 25 पर्यटक

 

जोगिन्द्रनगर  : जिला मंडी के थलौट में हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड की 126 मेगावाट क्षमता के लारजी हाइड्रो प्रोजेक्ट के डैम से अचानक पानी छोड़ने से करीब 25 पर्यटक ब्यास नदी में बह गए। इनमें 18 लड़के, छह लड़कियां व एक ग्रुप लीडर बताया जा रहा है। पानी में बहे पर्यटक आंध्र प्रदेश के हैदराबाद के रहने वाले हैं। इनमें अधिकांश बीएनआर इंजीनियरिंग कॉलेज हैदराबाद के बीटेक के छात्र हैं।

थलौट में ब्यास नदी में कम पानी होने के कारण ये सभी लोग फोटो खिंचवाने व नहाने के लिए नदी में उतरे थे। लारजी डैम से अचानक भारी मात्रा में पानी छोड़ने से नदी में उतरे पर्यटकों को संभलने व बाहर निकलने का मौका नहीं मिला और वे तेज बहाव में बह गए। हादसा रविवार देर शाम करीब साढ़े छह बजे हुआ। हादसे की सूचना मिलते ही मंडी व कुल्लू जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया।

इस घटना से गुस्साए लोगों ने मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर थलौट में चक्का जाम कर बिजली बोर्ड के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। राजमार्ग पर यातायात जाम होने से राहत दल व प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर पहुंचने पर काफी परेशानी हुई। प्रशासन ने नदी में बह गए पर्यटकों की तलाश शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर शिमला ने रविवार देर शाम लारजी हाइड्रो प्रोजेक्ट प्रबंधन को विद्युत उत्पादन बंद करने को कहा। प्रोजेक्ट में विद्युत उत्पादन बंद होने तथा ब्यास व पार्वती नदी में अचानक भारी मात्रा में पानी आने से लारजी डैम का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। संभावित खतरे को देख प्रबंधन ने डैम के सभी गेट खोल दिए।

डैम से कुछ किलोमीटर नीचे लारजी परियोजना की कॉलोनी के पास पर्यटक ब्यास में उतरे हुए थे जो तेज बहाव में बह गए। मौके पर राजमार्ग के किनारे पर्यटकों की दो बसें रुकी थीं। इनमें से कई छात्र पानी कम होने के कारण नदी में उतर गए थे। असल में बिजली उत्पादन के दौरान लारजी डैम व थलौट के बीच ब्यास में पानी नाममात्र होता है। पर्यटक मनाली घूमने जा रहे थे। हादसे की सूचना के बाद डीएसपी (मुख्यालय) राजेश कुमार व एडीएम पंकज राय घटनास्थल पर पहुंच गए थे।

मनप्रीत सिंह, अधिशाषी अभियंता, लारजी प्रोजेक्ट उत्पादन

लारजी डैम से अचानक पानी छोड़ने से ब्यास नदी में करीब 25 पर्यटकों के बहने की सूचना है। पर्यटक हैदराबाद के बीएनआर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र बताए जा रहे हैं। राजमार्ग पर यातायात जाम होने के कारण घटनास्थल पर पहुंचने में विलंब हुआ है। राहत व बचाव कार्य चल रहा है।

पंकज राय, एडीएम, मंडी

लारजी बांध से रविवार सवा छह बजे 50 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया था। पौने सात बजे बांध के गेट डेढ़ मीटर खोल कर 150 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया। इसके एक घंटे बाद साढ़े चार मीटर गेट खोल कर करीब 450 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया। पानी छोड़ने से पहले सायरन बजाए गए थे मगर पर्यटकों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया क्योंकि वे फोटो खींचने में व्यस्त थे।

मोहिंद्र सिंह ढटवालिया, अधिशाषी अभियंता, लारजी डैम (सिविल)

स्रोत जागरण 

 

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