कुछ लोगों पता भी न हो कि यह क्या है ? दरअसल ये हैं ‘पूळां’ (Poola), हिमाचल का पारम्परिक फुटवेअर. ये एकमात्र ऐसा फुटवेअर है, जिसे रसोईघर में चूल्हे के पास तक लाया जा सकता है और पूजा पाठ वाली जगह पर भी.
एक वक्त था जब चमड़े के जूते पहनना प्रदेश मे ठीक नहीं माना जाता था. शायद इतने संसाधन भी नहीं होते थे. तब इन्हें ही इस्तेमाल किया जाता था और आज भी कई गांवों में इनका प्रयोग किया जाता है. भांग के पौधे को सुखाकर निकाले गए रेशों से ये चप्पलें बनाई जाती हैं.
इन्हें घर के अंदर ही नहीं, बल्कि बर्फ पर चलने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. चंबा में ज्यादा चलन रहा है वैसे तो इसका, मगर हिमाचल प्रदेश से बाहर भी कुछ जगहों पर भी पूजा-पाठ, विवाह या अन्य धार्मिक कार्यों के दौरान इन्हें पहना जाता है.
साभार : आदर्श राठौर और इन हिमाचल
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