पशु पालन विभाग ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत आज सिरमौर जिला के धौलाकुंआ में एक दिवसीय भेड़ पालक प्रशिक्षण शिविर लगाया जिसमें किन्नौर, कांगड़ा, शिमला, चम्बा के लगभग 250 भेड़ पालकों ने भाग लिया.धौलाकुंआ: पशु पालन विभाग ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत आज सिरमौर जिला के धौलाकुंआ में एक दिवसीय भेड़ पालक प्रशिक्षण शिविर लगाया जिसमें किन्नौर, कांगड़ा, शिमला, चम्बा के लगभग 250 भेड़ पालकों ने भाग लिया.
मुख्य संसदीय सचिव चौधरी सुखराम ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार ने भेड़ पालकों तथा किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं आरंभ की हैं. भेड़ पालकों के लिए भेड़ पालक समृद्धि योजना शुरु की गई है जिसके अंतर्गत 40 भेड़-बकरी तथा दो नर मैंढे खारीदने के लिए एक लाख रुपये के ऋण की सुविधा दी जा रही है. योजना के अंतर्गत 33,300 रुपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है जिसमें भेड़-बकरी पालक का भागधन 10 हजार रुपये होगा.
मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सीधी भरती के जरिये कृषि प्रसार व कृषि विकास अधिकारियों के रिक्त पदों को भरा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक पंचायत में पशु औषधालय खोलने के लिए मुख्यमंत्री पशुधन आरोग्य योजना लागू की गई है जिसके अंतर्गत उन पंचायतों में पशु औषधालय खोले जा रहे हैं जहां अभी यह सुविधा नहीं है. वर्तमान सरकार ने पांवटा विधानसभा क्षेत्र के तारुवाला व सूरजपुर में पशु औषधालय खोले हैं. उन्होंने कहा कि घुमन्तू गुज्जरों तथा भेड़ पालकों के लिए पीने के पानी व बिजली का प्रबंध भी सरकार द्वारा करवाया जा रहा है.
वूल फैडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर ने कहा कि भेड़ पालकों की समस्याओं को देखते हुए प्रशिक्षण शिविर शुरु किये गये हैं जिसके तहत नुरपूर, देहरा, हमीरपुर, उना, बिलासपुर, नालागढ़ व धौलाकुंआ में इनका सफल आयोजन सम्पन्न होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से भेड़ पालकों में एक नया उत्साह, आत्मविश्वास व आत्म स्वावलम्बन बढ़ा है. उन्होने कहा कि भेड़ पालकों के बच्चों के लिए भेड़ पालक समृद्धि बीमा योजना शुरु की गई है जिसके तहत 9वीं से 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाले दो बच्चों को प्रतिमाह 100 रुपये वजीफा दिया जा रहा है.
श्री कपूर ने कहा कि 11 करोड़ रुपये की एक योजना कांगड़ा, चम्बा व मंडी जि़ला के भेड़ पालकों के लिए आरम्भ की गई है जिसके तहत भेड़ पालकों को नि:शुल्क दवाईयां, मैढे व अन्य व्यवसाय से जुड़ी महत्वपूर्ण सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है. घुमन्तू भेड़ पालकों को टीकाकरणा व दवाईयों की सुविधा के लिए 24 चैकपोस्ट शुरु किये गये हैं तथा भेड़ पालकों के लिए 24 घणटे नि:शुल्क हैल्प लाईन भी शुरु की गई है. उन्होंने कहा कि भेड़-बकरियों की नस्ल सुधार के लिए आस्ट्रेलियाई मैंढो के आयात करने का मामला मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया जायेगा. उन्होंने कहा कि बीमारी व प्राकृतिक आपदा में मरने वाली भेड़ों पर मुआवजा 500 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया गया हैं.
इस मौके पर प्रशिक्षार्णियों को भेड़-बकरियों के प्राथामिक उपचार के लिए 1000 रुपये तक की दवाईयों की किटें वितरित की गईं. एसडीएम पांवटा श्री मनमोहन शर्मा, कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डा.. के.के चड्डा, सहायक निदेशक डा.. राजेश गग्र, प्रधान ग्राम पंचायत धौलाकुंआ श्री मलकयति सिंह, व गणामान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे.