माघ महीने की शुक्ल पंचमी को वसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन को बुद्धि ज्ञान और कला की देवी माँ सरस्वती की पूजा-आराधना के रूप में मनाया जाता है। ऋतुराज के आगमन पर मुस्कुराते व खिलखिलाते फूलों की खुशबू व महुए की मादकता सहित मौसम की रवानी आकर्षित करती है.
ढेरों खुशियाँ लाता है बसंत
इस मौसम का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। मदमस्त कर देने वाला यह महीना न केवल कलाकारों बल्कि सामान्य लोगों के लिए भी ढेर सारी खुशियाँ लेकर आता है। फूलों के कानों में गुनगुनाती तितली और पराग के लिए मंडराते भौरे यह कुदरत के करिश्मे हमसे जुड़ाव को बयाँ करते हैं। इस दिन सरसों के खेतों का अपना अलग ही अंदाज होता है.
माँ सरस्वती का हुआ था जन्म
ऐसी मान्यता है कि इसी दिन माँ सरस्वती का जन्म हुआ था। इस दिन के सरस्वती पूजन में आम के बौर का विशेष महत्व होता है। इस बार बसंत पंचमी 22 जनवरी को पड़ रही है और इस दिन सर्वोत्तम योग बन रहा है। इस तरह से पूजन करेंगे तो आपको शुभ लाभ प्राप्त होगा। माघ माह की शुक्ल पंचमी को मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
21 जनवरी को आरम्भ हुई पंचमी
इस बार 21 जनवरी को दोपहर बाद 3.33 बजे पंचमी प्रारंभ हो रही है। 22 जनवरी को शाम 4.25 बजे तक पंचमी रहेगी। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन शुभ मुहूर्त में करने से विद्या, धन, वैभव सभी कुछ पाया जा सकता है। नन्हें मुन्ने इस दिन ख़ुशी ख़ुशी इस उत्सव को नाच गा कर मनाते हैं.
ऐसे करें सरस्वती पूजन
इस दिन मां सरस्वती की दूध, दही, मक्खन, घी, नारियल से पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा इस दिन अच्छे काम करना भी शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन अगर कोई भी घरों में नींव पूजन, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, व्यापार शुरू करें तो यह बेहद शुभ माना जाता है।
पीले रंग के वस्त्र पहनें
बसंत पंचमी के दिन अगर पीले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करें तो यह भी शुभ होता है। इतना ही नहीं इस दिन पीले पकवान बनाना शुभ लाभ का प्रतीक होता है। इस दिन नए जन्मे बच्चे को पहला निवाला खिलाया जाता है। विद्या अध्ययन करने वालों को बसंत पचंमी के दिन मां सरस्वती की अराधना जरूर करनी चाहिए। इसके अलावा इस दिन बच्चे की जिह्वा पर शहद से ओम बनाना चाहिए इससे बच्चा ज्ञानी बनता है। इस दिन हवन कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है.
वीर हकीकत राय बलिदान दिवस
सरस्वती पूजन और बसंत पंचमी के साथ वीर हकीकत राय का बलिदान दिवस भी मनाया जाता है. वीर हकीकत राय ने अपने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे.