मंडी : अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव के कारज शुरू हो गए हैं। प्रसिद्ध बाबा भूतनाथ मंदिर में रोजाना एक माह तक विश्व के सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन होंगे। पहले दिन अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग पर 40 किलो से अधिक शुद्ध देसी मक्खन से गसोता महादेव हमीरपुर का स्वरूप उकेरा गया। पहले दिन 21 किलो शुद्ध मक्खन चढ़ाया जाना था, लेकिन श्रद्धालुओं की ओर से चढ़ावे में मक्खन ज्यादा एकत्रित हो गया।
बीते शनिवार शाम दस बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक शिवलिंग पर मक्खन चढ़ाने और गसोता महादेव का स्वरूप उकेरने का कार्य जारी रहा। अब एक महीने तक शिवलिंग पर जलाभिषेक नहीं होगा। हर दिन मक्खन रूपी घृतमंडल चढ़ाया जाएगा और महादेव के अलग-अलग स्वरूप उकेरे जाएंगे।
बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि पहले दिन 40 किलो से अधिक शुद्ध मक्खन से गसोता महादेव का स्वरूप उकेरा गया। प्राचीन परंपरा के अनुसार सबसे पहले तारारात्रि के शुभ मुहूर्त पर शिवलिंग का जलाभिषेक करके शृंगार किया गया।
उसके पश्चात विधि विधान के साथ मक्खन चढ़ाने की परंपरा शुरू की गई। बाबा भूतनाथ मंदिर की स्थापना 1527 ईस्वी में राजा अजबर सेन ने की थी। प्राचीन समय में राजघराने का परिवार ही शिवलिंग पर मक्खन चढ़ाने की परंपरा का हिस्सा बनता था, लेकिन आज हर श्रद्धालु मक्खन चढ़ा सकता है।
बाबा भूतनाथ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि पहले दिन 40 किलो से अधिक शुद्ध मक्खन से गसोता महादेव का स्वरूप उकेरा गया। प्राचीन परंपरा के अनुसार सबसे पहले तारारात्रि के शुभ मुहूर्त पर शिवलिंग का जलाभिषेक करके शृंगार किया गया।