आज भाद्रमास की तृतीया तिथि है साथ ही आधे दिन के बाद चर्तुर्थी तिथी भी है इसलिए आज तीज और चौथ दोनों पर्व मनाए जा रहे हैं. हरितालिका तीज का महिलाओं के लिए बड़ा ही महत्व है.
भारतीय महिलाओं ने इन पुरानी परंपराओं को कायम रखा है. यह शिव-पार्वती की आराधना का सौभाग्य व्रत है जो केवल महिलाओं के लिए है. निर्जला एकादशी की तरह हरितालिका तीज का व्रत भी निराहार और निर्जल रहकर किया जाता है.
महिलाएं व कन्याएं भगवान शिव को गंगाजल, दही, दूध, शहद आदि से स्नान कराकर उन्हें फल समर्पित करती हैं रात्रि के समय अपने घरों में सुंदर वस्त्रों, फूल पत्रों से सजाकर फुलहरा बनाकर भगवान शिव और पार्वती का विधि-विधान से पूजन अर्चन किया जाता है.
जोगिन्दरनगर की लेटेस्ट न्यूज़ के लिए हमारे फेसबुक पेज को करें।