अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर में गरीब परिवारों के केवल आयुष्मान कार्ड ही नहीं, बल्कि प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत बने हिमकेयर कार्ड से भी निशुल्क इलाज मिलेगा। केंद्र सरकार ने यहां दोनों योजनाओं से निशुल्क उपचार की मंजूरी दे दी है।
प्रदेश की 25 लाख से ज्यादा की आबादी हिमकेयर कार्ड के तहत पंजीकृत है। इन सभी को एम्स में सालाना पांच लाख रुपये तक के निशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। 5 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स का लोकार्पण करेंगे।
गौर हो कि देश में केंद्रीय स्वास्थ्य संस्थानों में केवल आयुष्मान कार्ड धारकों को ही निशुल्क इलाज मिलता है, लेकिन पीजीआई चंडीगढ़ के बाद अब प्रदेश सरकार के प्रयासों से एम्स बिलासपुर में भी लोग हिमकेयर कार्ड का लाभ उठा सकेंगे। प्रदेश में करीब 22 लाख की आबादी को आयुष्मान योजना में कवर किया गया है।
एम्स और पीजीआई जैसे संस्थान में जब भी किसी मरीज को भर्ती किया जाता है, तो वहां पर दवाई, खाना-पीना, बिस्तर और टेस्ट हर एक चीज के लिए बिल भरना पड़ता है। मरीज अगर अस्पताल में भर्ती होता है तो सरकारी दरों पर एमआरआई 2000 से 3000 रुपये में होता है। सीटी स्कैन भी सरकारी दरों में 1000 से 3000 रुपये तक होता है। संवाद
एम्स बिलासपुर को आयुष्मान और हिमकेयर कार्ड धारकों को निशुल्क इलाज देने की मंजूरी मिल चुकी है। स्टाफ को इससे संबंधित ट्रेनिंग दी जा रही है। – डॉ. दिनेश वर्मा, एमएस, एम्स
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