प्यार किसी सीमा का मोहताज नहीं. जोगिन्दरनगर उपमंडल के तहत टिकरू पंचायत के भजकैड़ा गाँव के नरेंद्र राणा और आस्ट्रिया की स्टेफनी अल्बर (stefanie alber) की यह प्रेम कहानी यही दास्ताँ बयाँ करती है. नरेंद्र राणा गोवा के एक होटल में नौकरी करता था. आस्ट्रिया की स्टेफनी यहां पर्यटक के रूप में आई थी. सन 2011 में वहीं होटल में दोनों की मुलाकात हुई. मुलाकात दोस्ती और बाद में प्यार में बदल गई. सन अप्रैल 2012 में दोनों ने जोगिन्दरनगर में शादी कर ली.
नरेन्द्र के टिकरू स्थित घर में धूमधाम से शादी का जश्न मनाया गया. वीजा की समस्या की वजह से दुल्हन स्टेफनी इस जश्न में शामिल नहीं हो पाई थी. सन 2013 में इनके घर पुत्र लियन पैदा हुआ. सन 2014 में दूसरा पुत्र रोहण पैदा हुआ.
अभी पिछले दिनों सन 2016 में उनके अभिभावकों यानी समधी और समधिनो की मिलनी हुई. राणा की सास टरोड अल्बर और ससुर हर्बट अलबर नरेंद्र के गाँव आये. घर में मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. इस प्यार और गर्मजोशी को महसूस कर राणा के सास-ससुर भावुक हो गये. नरेन्द्र के ससुर टरोड अल्बर आस्ट्रिया में व्यवसायी हैं.
गाँव में आने पर नरेंद्र के ससुराल वाले बनौण स्थित कुटिया में महात्मा श्री सदानन्द गिरी से आशीर्वाद प्राप्त करने गये. राणा के सास -ससुर को यहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य काफी भाया. तीन दिन व्यतीत करने के बाद सास -ससुर वापिस आस्ट्रिया लौट गए.
नरेन्द्र राणा अपना अधिकांश समय आस्ट्रिया में अपने परिवार के साथ गुजारता है. साल में कई बार अपने माता पिता से मिलने अपने वतन आता है. गाँव में राणा के माता -पिता तथा छोटे भाई का परिवार रहता है.
नरेन्द्र और उसका परिवार आजकल भारत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर रहा है. राणा की पत्नी स्टेफनी बाइक चलाने का शौक रखती है और अक्सर जोगिन्दर-नगर की सड़कों पर बाइक चलाते हुए निकलती है जिसे देखकर यहाँ के निवासी आश्चर्य-चकित देखते रह जाते है. स्टेफनी यहाँ अपने परिवार के साथ बहुत खुश है और अपना ज्यादा से ज्यादा समय यहाँ गुजारना चाहती है.