शिमला : टमाटर के दामों ने प्रदेश से लेकर समूचे भारत में तहलका मचा दिया है। अमूनन 20-20 रुपए प्रति किलो बिकने वाला कई दिनों से दामों में आसमान छू रहा है। शुक्रवार को हिमाचल की ज्यादातर मंडियों में टमाटर का क्रेट से महंगा रहा और टमाटर पूरे राज्य में 70 से 100 रुपए प्रति किलो बिका।
प्रदेश की ज्यादातर मंडियों में टमाटर के क्रेट का दाम 7500 से 9600 रुपए तक रहा, जबकि सेब की अरली वैरायटी टाइडमैन शिमला की भट्टाकुफर मंडी में 40 से 55 रुपए प्रतिकिलो बिका।
यहीं से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस समय टमाटर किस तरह सबको पछाड़ रहा है। पांच दिन में टमाटर के क्रेट के भाव 300 से 500 रुपए तक उछले हैं।
तीन तरह का टमाटर इस समय बाजार में उपलब्ध है और इसके रिटेल दाम 70 से 110 रुपए प्रतिकिलो तक हैं। उच्च क्वालिटी का टमाटर बाजार में 110 रुपए, मध्यम दर्जे का 100 रुपए और बाकी के दाम 60 से लेकर 80 रुपए किलो तक हैं।
राज्य में ज्यादातर हल्के दर्जे का टमाटर बिक रहा है और दाम भी 100 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। सेब के दामों में देशव्यापी उछाल का कारण भारी बरसात से फसल को हुआ नुकसान बताया जा रहा है।
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दस दिनों में ये रेट आधे हो जाएंगे और अगस्त तक कीमतें स्थिर हो जाएंगी। हालांकि एक और पहलू यह भी है कि बरसात में हर साल टमाटर के दामों में उछाल आता है।
पर इस बार हिमाचल के साथ देश के प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में फसल 50 फीसदी तक उजड़ी है और उसी का असर कीमतों पर पड़ा है।
साथ ही दिसंबर में जो टमाटर बोया गया था, उस पर भारी गर्मी की मार पड़ी थी और दक्षिण राज्यों में लीक कर्ल वायरस ने टमाटर को तबाह कर दिया था। गत वर्ष कई जगह टमाटर पांच से दस रुपए किलो बिका था और इसी कारण इस वर्ष टमाटर की बुआई भी कम की गई थी।
केंद सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग ने देश भर से टमाटर के दामों को नियंत्रण में रखने के लिए सुझाव मांगे हैं। यहां यह बात भी ध्यान में रखने योग्य है कि इस वर्ष मई माह में नासिक मंडी में टमाटर एक रुपए प्रति किलो बिका था और उत्पादकों ने मंडी की बजाय टमाटर सड़क पर फेंक दिए थे।
आज वही दाम 110 रुपए प्रतिकिलो तक पहुंच गए हैं। देश में टमाटर का सबसे बड़ा उत्पादक मध्य प्रदेश है, जहां लगभग तीन लाख टन टमाटर उगता है, जबकि हिमाचल में यह आंकड़ा, सवा तीन लाख टन प्रति वर्ष है।
फिर भी राज्य के साथ पड़ोसी राज्यों की टमाटर की जरूरतें सीजन में पूरी हो जाती हैं।
टमाटर के भाव में लगातार आ रहे उछाल ने एकदम किसानों की तकदीर बदल दी है। दो सप्ताह भर से आए उछाल ने किसानों की 200 से 300 रुपए तक बिकने वाली क्रेट अब 1000 से 1200 रुपए तक बिक रही है।
बेहतर गुणवता वाली इस फसल को खरीदने हेतु पंजाब व राजस्थान से आए व्यापारियों ने यहां डेरा डाल लिया है। जानकारी के अनुसार गोहर क्षेत्र में टमाटर का लगभग 50 लाख रुपए का व्यापार हो चुका है।
भाव में आए उच्छाल से क्षेत्र के टमाटर उत्पादक बागबाग हो उठे हैं। इस बार गोहर क्षेत्र की ग्राम पंचायत गोहर, कोटला-खनूला, बस्सी, खारसी, नौण, चच्योट, बासा, देलग टिक्करी, स्यांज, छपराहण, मौवीसेरी, बाल्हड़ी, चच्योट, मुसराणी व आसपास के अन्य क्षेत्रों में 500 हैक्टेयर से अधिक रकवे में किसानों ने टमाटर की फसल का कारोबार किया है।
देशभर में टमाटर की बढ़ती कीमतों ने लोगों की जेब खाली कर दी है। आम जनता की थाली से टमाटर लगभग गायब होता जा रहा है। कई शहरों में टमाटर की कीमतें 100 रुपए किलोग्राम से ज्यादा हैं।
दिल्ली में 60 रुपए प्रतिकिलो, उत्तराखंड के देहरादून में 80 रुपए , राजस्थान के बाड़मेर में 64 रुपए, गुजरात के अहमदाबाद में 80 रुपए एमपी के धार में 100 रुपए, कर्नाटक के बेल्लारी में 122 रुपए,
केरल के एर्नाकुलम में 113 रुपए, तमिलनाडु के कन्याकुमारी में 110 रुपए, आंध्र के कुर्नूल में 89 रुपए, छत्तीसगढ़ के रायपुर में 100 रुपए, ओडिशा के भुवनेश्वर में 100,
त्रिपुरा के अगरतला में 100, असम के डिबू्रगढ़ में 100, यूपी के गोरखपुर में 122 रुपए व बिहार के कैमूर में टमाटर की कीमतें 66 रुपए प्रतिकिलो हैं।