शिमला : शिथिल पड़ा मानसून एक बार फिर से सक्रिय होगा और 5 जुलाई से 2 दिनों तक यैलो अलर्ट रहेगा। हालांकि 3 व 4 जुलाई को बारिश होगी लेकिन इस दौरान कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
3 जुलाई को मैदानी/निचले और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा, उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में एक-दो स्थानों पर हल्की, जबकि 4 जुलाई को मैदानी और निचले व मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम व उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा होगी।
यैलो अलर्ट के बीच 4 व 5 जुलाई को मैदानी और निचले व मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्य, जबकि उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में अनेक स्थानों पर हल्की वर्षा का अंदेशा जताया गया है। 7 व 8 जुलाई को भी अनेक स्थानों पर हल्की से मध्य वर्षा होने का पूर्वानुमान है।
रविवार को बरठीं में 1.5 मिलीमीटर वर्षा हुई और ऊना में अधिकतम तापमान 36 डिग्री रहा और कुकुमसेरी में 8.5 न्यूनतम तापमान रहा। राजधानी में अधिकतम तापमान 24.4 डिग्री रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार राज्य में पिछले 24 घंटों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा हुई, जिसमें नाहन में 5, बिजाही में 3, राजगढ़ में 3,
वांगतू में 1, काहू में 1, गोहर में 1, मशोबरा में 1, सुजानपुर टीहरा में 1, सराहन में 1, रोहड़ू में 1, कसौली में 1 सैंटीमीटर वर्षा रिकाॅर्ड की गई है। शनिवार को राजधानी सहित अधिकांश इलाकों का मौसम साफ रहा और आसमान पर बादलों का डेरा रहा।
इस बार मानसून ने आते ही ताबड़तोड़ तबाही मचा दी। 24 जून से लेकर 2 जुलाई शाम 6 बजे तक मात्र 9 दिनों में मानसून की बारिश व अन्य आपदाओं के कारण 27 लोगों की जान चली गई, जबकि 2 अरब 42 करोड़ की संपत्ति को नुक्सान पहुंचा है।
मृतकों में भूस्खलन से 1, डूबने से 7, पहाड़ी से गिरने पर 5, सड़क हादसों में 12, अज्ञात कारण से 1, ऑक्सीजन की कमी से 1 शामिल रहे, जबकि 5 लोग लापता हैं, जिसमें सड़क हादसे का 1, डूबने के 3 और फ्लैश फ्लड से 1 व्यक्ति लापता है।
इस दौरान जलशक्ति विभाग को 100.97 करोड़, लोक निर्माण विभाग को 113.19 करोड़ और बागवानी विभाग को 26.22 करोड़ की चपत लग चुकी है। 6 मकान जमीदोंज हुए है, जबकि 42 को आंशिक नुक्सान पहुंचा है।
2 दुकानों और 22 गऊशालाओं के अलावा 353 मवेशियों की जान गई है। इस दौरान भूस्खलन की 10, बादल फटने की 1 और फ्लैश फ्लड की 9 घटनाएं पेश आई हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डा. सुरिंद्र पाल ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ अब मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में देखा जा रहा है।
5 व 6 जुलाई को राज्य में यैलो अलर्ट रहेगा और इस दौरान लोग संबंधित विभागों द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन करें।