हिमाचल प्रदेश में चार माह में साइबर ठगों ने हिमाचल प्रदेश के लोगों से 33 करोड़ ठग लिए हैं। प्रदेश में हर दूसरे दिन लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं।
प्रदेश में पहले के मुकाबले साइबर क्राइम के मामले बढ़े हैं। स्टेट सीआईटी के साइबर सेल के विश्लेषण में हिमाचल में बढ़ रहे साइबर क्राइम के आंकड़ों का खुलासा हुआ है।
लोगों को साइबर ठगी से बचाने के लिए एक ओर जहां साइबर पुलिस समय-समय पर एडवाइजरी जारी करके जागरूक कर रही है, वहीं साइबर पुलिस की विश्लेषण में खुलासा हुआ है कि हर दूसरे दिन साइबर ठग लोगों को साइबर ठगी का शिकार बना रहे हैं।
इस साल में अब तक साइबर क्राइम की 5695 शिकायतें दर्ज की गई हैं। शातिरों ने प्रदेश की जनता से पहली जनवरी से लेकर अप्रैल माह तक 33 करोड़ 36 लाख 85 हजार 960 रुपए की राशि ठगी है।
प्रदेश के साइबर थानों में अप्रैल माह तक साइबर क्राइम से जुड़ी विभिन्न मामलों की 5695 शिकायतें दर्ज की गई हैं। प्रदेश में साइबर क्राइम की शिकायतों का आंकड़ा रोजाना बढ़ता जा रहा है।
2025 में साइबर क्राइम की रोजाना 670 शिकायतें साइबर पुलिस थानों में पहुंच रही हैं। एनसीआरपी के पोर्टल पर 4950 शिकायतें अपलोड की गई हैं।
साइबर सैल की टीम साइबर ठगी के मामलों में कार्रवाई करते हुए 20.24 प्रतिशत राशि होल्ड करवाई है, जिसमें साइबर ठगों ने प्रदेश की जनता से पहली जनवरी से लेकर अप्रैल माह तक 33 करोड़ 36 लाख 85 हजार 960 रुपए की राशि ठगी है, जिसमें साइबर सैल की टीम ने छह करोड़ 75 लाख 60 हजार 671 रुपए की राशि होल्ड करवाई है।
साइबर ठगी के मामलों को लेकर पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर लोगों से सावधान रहने की अपील की है।
उधर, डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला का कहना है कि जो लोग इन ठगों की बातों में आकर अपनी बैंक डिटेल या कोई अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारी इनको शेयर कर देता है, तो साइबर ठग उसकी सहायता से उस व्यक्ति के बैंक अकाउंट में से पैसा निकाल लेते हैं।
इसके अलावा जो व्यक्ति इन ठगों के कहने पर कोई ऐप अपने फोन में डाउनलोड कर लेता है, तो फिर ये ठग फोन हैक करके बैंक अकाउंट से पैस उड़ा लेते हैं।