ज्यादा वक्त नहीं हुआ जब पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही थी। उस समय सब कुछ थम सा गया था। हम सबको यकीनन वो दौर याद है। अभी कोरोना के जख्मों से दुनिया उभरी ही है कि चीन में एक नए वायरस के बढ़ने की खबर ने सब तरफ हलचल मचा दी है।
दुनिया भर में दहशत का माहौल है। सांसों पर आफत का सबब बनने वाले इस वायरल का नाम HMPV यानि कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार चीन में HMPV द्वारा जनित संक्रमण के अचानक फैलने के कारण अस्पतालों में व्यवस्था एक बार फिर चरमरा गई है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये नया वायरस है क्या? क्या ये कोरोना का कोई टाइप है? तो हम आपको बता दें कि चीन का नया वायरस एक प्रकार का सामान्य श्वसन वायरस है, जो सभी उम्र के लोगों में फैल सकता है।
इस वायरस का ज्यादा असर बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर होने की आशंका है। वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में अगर आप आते हैं तो आप भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।
इसके कुछ आम से लक्षण हैं- जैसे नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, थकान, खांसी, बुखार या फिर जरूरत से ज्यादा ठंड लगना, और सबसे बड़ी बात यह है कि इससे लड़ने के लिए भी फिलहाल किसी देश के पास कोई वैक्सीन नहीं है।
हालांकि जैसे ही इस वायरस के बारे में पता चला है तो भारत समेत तमाम देश काफी सतर्क हो गए हैं।
बात भारत की करें तो भारत पर भी इसका असर पड़ सकता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार और यात्रा के गहरे संबंध हैं। ऐसे में सरकार ने मामला न होने के बावजूद कोरोना काल से सीख लेकर अभी से पूरी स्थिती पर नजर ऱखना शुरू कर दिया है।
बीते रोज ही इससे निपटने के लिए हाईलेवल बैठक बुलाई गई थी। परिवार कल्याण मंत्रालय के डीजीएचएस की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), आपदा प्रबंधन (डीएम) सेल, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), आपातकालीन चिकित्सा राहत (ईएमआर) प्रभाग और अखिलभारतीयआयुर्विज्ञानसंस्थान, दिल्ली सहित अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस बैठक में कई प्वाइंटस पर गंभीरता से चर्चा की गई।
बैठक में सबसे पहले तो ये फैसला लिया गया कि सरकार सभी उपलब्ध माध्यमों से स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है और विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी चीन की स्थिति के बारे में समय पर जानकारी साझा करने का अनुरोध किया गया है।
वहीं राहत की बात ये हैं कि भारत में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और इन्फ्लूएंजा के लिए गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के लिए एक मजबूत निगरानी प्रणाली पहले से ही आईसीएमआर और आईडीएसपी नेटवर्क दोनों के माध्यम से मौजूद है और दोनों के आंकड़ों से पता चलता है कि आईएलआई और एसएआरआई मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है।
अस्पतालों के चिकित्सकों ने भी पुष्टि की है कि अपेक्षित मौसमी बदलाव के अलावा पिछले कुछ सप्ताहों में श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। लेकिन फिर भी भारत ने पूरी स्थिती से निपटने के लिए लगभग अपनी तैयारी पूरी कर ली है।
हालांकि चीन ने भी पूरे मामले पर सफाई दी है, चीन ने बीते शुक्रवार को कहा कि सर्दियों के दौरान होने वाली श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले पिछले साल की तुलना में इस वर्ष कम गंभीर हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेशियों के लिए चीन की यात्रा करना सुरक्षित है। मगर जिस तरह के वीडियो सोश्ल मीडिया पर वायरल हुए थे उसके बाद सभी देश सतर्क जरूर हो गए हैं, ताकि हालात बिगड़े ना।