सोमवार से खुलेगा पूरा हिमाचल

शिमला : जयराम सरकार ने कर्फ्यू ढील को लेकर बड़े पैमाने पर बदलाव किया है। इसके तहत अब कुछ शर्तों के साथ प्रदेश में गैर हॉटस्पॉट इलाकों में सभी दुकानें खुल जाएंगी, हालांकि इस दौरान मॉल्स, नाई की दुकानें और शराब के ठेके तीन मई तक बंद ही रहेंगे। इसके अलावा राज्य में डेढ़ से दो घंटे तक मॉर्निंग वॉक के लिए समय दिया जाएगा। कर्फ्यू ढील की समयावधि तीन से चार घंटे बढ़ेगी। अभी-अभी प्राप्त समाचार के अनुसार लॉकडाउन में फंसे जोगिन्दरनगर से 39 कश्मीरी लोगों को बस के माध्यम से जम्मू के लिए रवाना किया जा रहा है.

स्कूल खोलने पर फैसला नहीं

नए प्रारूप के साथ जारी की गई नई गाइडलाइन 27 अप्रैल (सोमवार) से लागू होगी। हालांकि मॉर्निंग वॉक की सुविधा रविवार से ही दी जाएगी। इसके अलावा हिमाचल सरकार अगले महीने स्कूल खोलने का फैसला समीक्षा के बाद करेगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कोविड-19 के दृष्टिगत शनिवार को शिमला से वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को यह निर्देश जारी किए हैं।

राज्य सरकार ने कर्फ्यू के दौरान वर्तमान में तीन घंटों के बजाए सोमवार से चार घंटों की छूट देने का निर्णय लिया है। हालांकि चार घंटे छूट देने के लिए समय जिला उपायुक्त निर्धारित करेंगे।

सामाजिक दूरी का रखें ध्यान

इस निर्णय से न केवल सामाजिक दूरी बनाए रखने में सहायता मिलेगी, बल्कि दुकानों पर भीड़ भी कम होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कर्फ्यू के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है तथा तीन मई के बाद लॉकडाउन खुलने के उपरांत आर्थिक गतिविधियों को पुनः सुचारू बनाने के लिए एक उपयुक्त योजना बनाना महत्त्वपूर्ण है।

लोगों की सुरक्षा महत्वपूर्ण

उन्होंने कहा कि उनके लिए प्रदेश के लोगों की सुरक्षा तथा स्वास्थ्य बेहद महत्त्वपूर्ण है तथा इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं, ताकि प्रदेश में वापस आने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से वापिस आने वाले हिमाचल प्रदेश के विद्यार्थियों की भी चिकित्सा जांच की जानी चाहिए तथा उन्हें होम क्वारंटाइन में रखा जाए।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार प्रदेश में फंसे अन्य राज्यों के लोगों को भी उनके संबंधित राज्यों में जाने के लिए सुविधा प्रदान की जाए। वहीं, कोरोना को लेकर गठित टास्क फोर्स कमेटी ने इकॉनोमी को पटरी पर लाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार शुरू कर दिया है, ताकि वहां रोजगार के अवसर मिल सकें।

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