इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के छात्रों को डिजिटल युग से जोडऩे के लिए समग्र शिक्षा विभाग ने बड़ी पहल की है। इसके तहत प्रदेश के 365 केंद्र प्राथमिक स्कूलों को आईसीटी इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधा दी गई है।
इसमें स्कूली बच्चों को प्रिंटर, यूपीएस, वेब कैमरा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, कीबोर्ड, माउस जैसी सुविधाएं दी गई है, वहीं 2023 के लिए शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 1241 केंद्र प्राथमिक पाठशाला में यह लक्ष्य तय किया है।
इसके साथ ही शिक्षा विभाग के 140 बीआरसीसी यानी ब्लॉक रिसोर्स सेंटर को आईसीटी की सुविधा देगा। अब इन पाठशालाओं में स्मार्ट क्लास रूम से पठन और पाठन का स्वरूप बदलेगा, जिसके कारण अध्यापकों और छात्रों को पढ़ाने, पढऩे और सीखने की प्रक्रिया में भी बदलाव होगा।
उन्होंने कहा कि स्टार प्रोजेक्ट (स्ट्रेन्थनिंग टीचिंग लर्निंग एंड रिजल्ट फॉर स्टेट्स) के तहत प्रदेश के सभी 2102 सीआरसी (क्लस्टर रिसोर्स सेंटर) यानी प्रदेश के सभी केंद्र प्राथमिक पाठशालाओं में आईसीटी की आधारभूत संरचना को तैयार किया जा रहा है।
उच्च शिक्षण संस्थानों में पहले से मिल रही सुविधा
प्रदेश में उच्चतर शिक्षा निदेशालय के तहत कुल 2958 राजकीय उच्च विद्यालय एवं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में से 2137 स्कूलों में आईसीटी की सुविधा प्रदान की जा चुकी है।
इस वर्ष 239 और स्कूलों में आईसीटी की सुविधा प्रदान की जाएगी। शेष 164 स्कूलों को भी जल्द इस सुविधा से जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है।