इस बारे में सरकार की ओर से शिक्षा निदेशालय को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस तरह खराब परीक्षा परिणामों से सबक सीखते हुए सरकार ने शिक्षा विभाग को अब शिक्षकों की एसीआर तैयार करने को लेकर भी सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग ने भी इस संबंध में उपनिदेशकों को जरूरी दिशा निर्देश जारी कर दिए हैें। इन निर्देशों में कहा गया है कि सभी उपनिदेशक किसी भी शिक्षक की एसीआर तैयार करनेसे पहले उसके विषय में उसकी परफार्मेंस का भी आकलन करें।
इसके तहत अब स्कूल स्तर पर बोर्ड सहित सभी कक्षाओं के परिणामों की समीक्षा होगी। इस दौरान देखा जाएगा कि शिक्षकों का प्रति विषय परिणाम कैसा रहा है। 20 प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहने पर शिक्षक ों पर गाज गिरना तय है। इसके बाद 35, 50, 80 और 90 प्रतिशत परिणाम का आकलन किया जाए। इसके बाद स्कूलों की इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करनी होगी।
खराब परिणाम को अगले वर्ष क ी परीक्षा में कैसे बेहतर लाना है, इसको लेकर उपनिदेशकों को उचित कदम उठाने को कहा गया है और लगातार खराब परिणाम देने वाले शिक्षकों केखिलाफ सरकार के आदेशानुसार कार्रवाई होगी। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी उपनिदेशकों को आदेशजारी किए हैं कि वे पहले स्कूलों में परीक्षा परिणामों की समीक्षा कर लें, इसके बाद ही शिक्षकों की एसीआर. तैयार करें। इस कसरत के बाद ही विभाग ने शिक्षकों की एसीआर निदेशालय भेजने को कहा है। विभाग ने इन आदेशों की सख्तीसे पालना करने को कहा है।
इसके तहत अब स्कूल स्तर पर बोर्ड सहित सभी कक्षाओं के परिणामों की समीक्षा होगी। इस दौरान देखा जाएगा कि शिक्षकों का प्रति विषय परिणाम कैसा रहा है। इसके बाद स्कूलों की इसकी पूरी रिपोर्ट तैयारकरनी होगी।
ऐसे होगी कार्रवाई
एकसाल खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की एसीआर पर इसका नकारात्मक प्रभाव होगा, जबकि लगातार दो सालों तक खराब रिजल्ट पर एक साल की इन्क्रीमेंट रोकी जाएगी।तीन साल तक लगातार खराब रिजल्ट देने पर शिक्षकों की इन्क्रीमेंट पर हमेशा के लिए रोकलगा दी जाएगी।
स्रोत : दिव्य हिमाचल