पंजाबी रैपर सिद्धू मूसेवाला के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़, ट्रैक्टर में ली “The Last Ride”

मोहाली || मशहूर पंजाबी रैपर, सिंगर, अभिनेता, लेखक, निर्माता-निर्देशक और राजनेता सिद्धू मूसेवाला उर्फ़ शुभदीप सिंह सिद्धू का उनके गाँव मूसा, ज़िला मानसा पंजाब में अंतिम संस्कार कर दिया गया। हज़ारों की संख्या में उनके सगे संबंधीयों, रिश्तेदारों, और उनके चाहने वालों ने उनकी अंतिम यात्रा में भाग लिया। लोगों ने बेहद भावुक माहौल में नम आँखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।

ग़ौरतलब है कि रविवार के दिन Sidhu Moose Wala की हत्या उनके पैतृक गाँव के समीप उस समय कर दी गयी थी जब वे अपने दोस्तों के साथ अपनी महिंद्रा थार कार में सवार होकर अपनी मौसी के घर उनका हाल-चाल जानने के लिए जा थे।

पसंदीदा ट्रैक्टर में अंतिम यात्रा

सिद्धू मूसेवाला के पास वैसे तो एक से एक महंगी गाड़ियां थीं, लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा अपने एचएमटी 5911 ट्रैक्टर से लगाव था. परिवार के इस पुराने ट्रैक्टर को सिद्धू ने खास तौर पर मॉडिफाइड करवाया हुआ था. यही नहीं, अपने यूट्यूब चैनल तक का नाम सिंगर सिद्धू ने ‘5911 Record’ रख लिया था.

सिद्धू मूसेवाला की मौत से स्तब्ध बॉलीवुड, हॉलीवुड और पंजाबी सिनमा

सिद्धू मूसेवाला की मौत से बॉलीवुड और पंजाबी सिनमा ही नहीं बल्कि हॉलीवुड के रैपर और सिंगर स्तब्ध हैं जो उनको जानते है और उनकी प्रतिभा को पहचानते थे। वहीं बॉलीवुड और पंजाबी सिनमा के लगभग हर कलाकार ने उनकी मौत पर गहरा दुःख जताया है।

कम उम्र में कमाया बड़ा नाम

सिद्धू मूसेवाला ने महज़ २८ साल की उम्र में गायकी में वह नाम कमा लिया जो कई आर्टिस्ट पूरी उम्र में नहीं कमा पाते। वे अपने गाने खुद लिखते थे और उनका बेबाक़ अन्दाज़ कई लोगों को नागवार था। लेकिन वे एक के बाद एक हिट गानों के साथ सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते गये। महज़ ४ साल में वह पंजाबी म्यूज़िक इंडस्ट्री के शिखर पर जा पहुँचे।

आलोचना और विवाद

सिद्धू मूसेवाला की उनके बेबाक़ और कई बार विवादास्पद गानों और विचारों के लिए आलोचना की जाती है। साथ ही बंदूक़ कल्चर को बढ़ावा देने के भी उन पर आरोप लगते रहे। उन पर हथियारों के महिमामंडन को लेकर कई केस भी दर्ज थे। साथ ही जरनैल सिंह भिंडरावाले के महिमामंडन के लिए उनकी आलोचना की जाती थी।

लॉरेन्स बिशनोई ग्रुप ने ली हत्याकांड की ज़िम्मेवारी

इस जघन्य हत्याकांड की ज़िम्मेवारी कुख्यात लॉरेन्स बिशनोई ग्रुप ने ली है। इस ग्रुप के गोल्डी बरार जो कनाडा में छुपा है ने फ़ेस्बुक में पोस्ट डाल कर इस हत्या की ज़िम्मेवारी ली थी। उसने पोस्ट में कहा की सिद्धू मूसेवाला उनके रास्ते में आ रहा था और उनके ख़िलाफ़ काम कर रहा था। कथित तौर पर लॉरेन्स बिशनोई ग्रुप से जुड़े कुछ लोगों की हत्या में सिद्धू मूसेवाला को हमलावरों की सहायता करने का ज़िम्मेवार मानते हुए उनके ख़िलाफ़ साज़िश की कई, ऐसा माना जा रहा है।

तीन कारों में सवार होकर आए थे हमलावर

हमलावर दो गाड़ियों महिंद्रा बलेरो और टोयोटा कोरोला में सवार हो कर आए थे। उन्होंने पहले सिद्धू मूसेवाला की कार का पीछा किया और ओवेरटेक करके उनकी गाड़ी पर अंधाधुंद गोलीयाँ चला दी जिससे सिद्धू गंभीर रूप से घायल हो गये और उनकी अस्तपाल पहुँचने से पहले ही मौत हो गयी।

मौत का हो गया था आभास

Sidhu Moose Wala का आखिरी गाना उनकी मौत के बाद सुर्खियों में है. The Last Ride नाम से इस गाने में उन्होंने ‘उठेगा जवानी विच जनाजा मिठिए’ और ‘अमर होने की बात कही थी.

इसके साथ ही newstracklive.com के अनुसार गोलियां बरसने से ठीक पहले कार में ‘उठेगा जवानी विच जनाजा मिठिए’ सांग ही बज रहा था। यह बात सिद्धू के साथ हत्याकांड के समय कार में उपस्थित दोस्त गुरविंदर सिंह ने बताई है। सिद्धू की कार पर हुए हमले में गुरविंदर सिंह भी घायल हुए हैं तथा फिलहाल लुधियाना के DMC हॉस्पिटल में उनका उपचार चल रहा है। गुरविंदर सिंह सिद्धू हत्याकांड के अहम चश्मदीद गवाह हैं क्योंकि वह और सिद्धू का एक और दोस्त ही उस समय कार में उपस्थित थे।

गुरविंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने सिद्धू से बोला था कि बुलेटप्रूफ कार में चलते हैं, किन्तु सिद्धू ने बोला कि नहीं थार से जाएंगे। चश्मदीद गुरविंदर सिंह ने यह भी कहा कि गोलियां चलने से ठीक पहले थार में ‘उठेगा जवानी विच जनाजा मिठिए’ सांग सिद्धू की फरमाइश पर ही बज रहा था। बता दें कि ‘उठेगा जवानी विच जनाजा मिठिए’ सांग सिद्धू मूसेवाला ने ही गाया है। The Last Ride नाम से इसे दो सप्ताह पहले ही रिलीज किया गया था।

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