समरहिल हादसा: एक और शव मिलने से 17 हुई मृतकों की संख्या, 4 अभी भी लापता

शिमला।। राजधानी शिमला के समरहिल के शिव बावड़ी मंदिर का मलबा प्रतिदिन शव उगल रहा है। रैस्क्यू आप्रेशन के छठे दिन शनिवार को यहां एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया, जिसकी पहचान एच. पी. यू. के दिवंगत प्रोफैसर पी. एल. शर्मा के पुत्र ईश शर्मा के रूप में हुई है।

इस हादसे में दंपति के शव पहले ही बरामद किए जा चुके हैं। इस मलबे में अभी भी 4 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनके जिंदा होने की उम्मीद बहुत कम है। ए. एस. पी. सिटी नवदीप सिंह की अगुवाई में यहां सर्च आप्रेशन चलाया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार शिमला के समरहिल क्षेत्र में शिव बावड़ी मंदिर में हुए भूस्खलन के बाद शव मिलने का क्रम जारी है। मृतकों की संख्या अब 17 तक पहुंच गई है।

शिमला: समरहिल शिव बावड़ी में अपनों की खोज में पहुंचे लोग।
शिमला: समरहिल शिव बावड़ी में अपनों की खोज में पहुंचे लोग।

एन. डी. आर.एफ. के इंस्पैक्टर नफीस खान के अनुसार 80 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र की खोजबीन कर ली गई है, 17 शव निकाले जा चुके हैं और 4 अन्य शवों के लिए हमारा खोज अभियान जारी है। यह मालूम नहीं हो पा रहा है कि कीचड़ व मलबा कितना गहरा है। उसको हटाने में काफी परेशानी हो रही है। उधर, जिला प्रशासन ने सर्च अभियान को और तेज कर दिया है। डी. सी. आदित्य नेगी ने बताया कि सर्च अभियान में करीब 228 जवान डटे हैं।

 

भूखे-प्यासे सुबह से शाम तक मलबे की ओर देख रहे परिजनः हालांकि जिला प्रशासन द्वारा राहत कार्य में लगी टीम के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की हुई है, जिसमें लोगों को भी खाने-पीने की मनाही नहीं है लेकिन अपनों की तलाश में यहां पहुंचने वाले परिजन भूखे-प्यासे ही रहते हैं और जब भी शव मिलता है तो दिल भर जाता है और आंखें नम हो जाती हैं।

सर्च ऑप्रेशन में आ रही कठिनाई: घटनास्थल पर बड़ी संख्या में देवदार के पेड़, मलबा और रेलवे ट्रैक के आने से सर्च ऑप्रेशन पहाड़ जैसी चुनौती बना हुआ है। इसमें सबसे बड़ी बाधा ढलानदार पहाड़ी का होना है, जहां नीचे नाले तक जे.सी.बी. और दूसरी मशीनरी ले जाना संभव नहीं है। इससे नाले में टनों के हिसाब से इकट्ठे मलबे को हटाना आसान नहीं है। अब मंदिर से 700 मीटर नीचे नाले से ऊपर की ओर मलबा हटाया जा रहा है।

ये लोग खोजने रह गए शेष: इस हादसे में मिसिंग रिपोर्ट के अनुसार अब 4 लोग शेष बचे हैं, जिनकी खोजबीन की जा रही है। इनमें स्थानीय निवासी नीरज ठाकुर, पवन, पवन की पोती आदि शामिल हैं।

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