हिमाचल में रविवार से मंगलवार तक फिर भारी बारिश का खतरा है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से जारी फोरकास्ट के अनुसार आगामी चार दिनों तक प्रदेश में फिर से भारी बारिश की संभावना है। भारी बारिश की संभावना को देखते हुए प्रदेश के लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
भू-स्खलन की दृष्टि से संवेदनशील जगहों से दूर रहने को कहा गया है। साथ ही नदी-नालों से दूर रहने को भी कहा गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से जारी फोरकास्ट के अनुसार रविवार और सोमवार को कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर और शिमला जिला में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी है।
वहीं मंगलवार यानि 22 अगस्त को लाहुल-स्पीति और किन्नौर जिला को छोडक़र बाकी सभी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट है। इसके अलावा 23 और 24 अगस्त को प्रदेश में भारी बारिश का यलो अलर्ट है। इसके अलावा प्रदेश के तीन जिलों में रविवार को बाढ़ की संभावना भी जताई गई है।
शिमला, सिरमौर और चंबा जिला में फ्लैश फ्लड की चेेतावनी है। ऐसे में बाढ़ की संभावना को देखते हुए लोगों को सलाह दी गई है कि नदी नालों से दूर रहे। वहीं राजधानी शिमला समेत प्रदेश के अन्य जिलों में शनिवार को मौसम मिला जुला रहा है।
इस दौरान प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश की हल्की बौछारें गिरी हैं, लेकिन इस दौरान कहीं भी भारी बारिश नहीं हुई है। लोगों को बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश से काफी हद तक राहत मिली है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
वहीं दूसरी ओर राजधानी शिमला में समरहिल के समीप शिवबावड़ी में एक और शव बरामद हुआ है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस दुर्घटना में मारे गए एचपीयू के प्रोफेसर पीएल शर्मा के पुत्र ईश शर्मा का शव भी प्राप्त हो गया है।
ऐसे में यहां पर मृतकों की संख्या 17 हो गई हैं। वहीं चार लोग अभी तक लापता हैं। इन मौतों के साथ ही प्रदेश में मॉनसून सीजन के दौरान हुई कुल मौतों का आंकड़ा 338 पहुंच गया है।
इनमें सबसे ज्यादा मौतें भी शिमला जिला में ही हुई है। शिमला जिला में कुल 78 लोगों की मौत हुई है। वहीं प्रदेश भर में 37 लोग अभी भी घायल है।
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के कारण आठ हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्य आपदा प्रबध्ंान प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अब तक 8074 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।
सबसे ज्यादा नुकसान लोकनिर्माण विभाग को सबसे ज्यादा 2691 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं जलशक्ति विभाग को 1860 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
बिजली विभााग को 1707 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। 2173 घर पूरी तरह से ढह गए हैं। 9721 घरों को आंशिक रूप से क्षति पहुंची है। 298 दुकानें और 4571 गोशालाओं को नुकसान हुआ है।