हमीरपुर जिले के हीरानगर गांव से निकलकर भारतीय नौसेना की सर्वोच्च नेतृत्व पंक्ति तक पहुंचने वाले वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने आज भारतीय नौसेना के 47वें उप नौसेना प्रमुख (वीसीएनएस) का कार्यभार संभाल लिया है। यह अवसर न केवल उनके परिवार और गांव के लिए, बल्कि पूरे हिमाचल के लिए गर्व का क्षण है।

कार्यभार ग्रहण करने के बाद वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर देश की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इसके बाद साऊथ ब्लॉक लॉन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। गनरी और मिसाइल प्रणालियों के विशेषज्ञ संजय वात्स्यायन नौसेना में अपने लम्बे और उत्कृष्ट करियर के लिए जाने जाते हैं।
संजय वात्स्यायन ने तीन दशकों से अधिक के अपने नौसैनिक करियर में विभिन्न प्रकार के कमांड, ऑप्रेशनल और स्टाफ जिम्मेदारियां संभाली हैं।
उनके उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए 2021 में उन्हें अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है, जो उनकी वीरता, नेतृत्व क्षमता और अनुकरणीय सेवा के प्रमाण हैं।
वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन ने डिफैंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (वेलिंगटन), नेवल वॉर कॉलेज (गोवा) और नैशनल डिफैंस कॉलेज (नई दिल्ली) से उच्च सैन्य शिक्षा प्राप्त की है।
उनके परिवार में उनकी पत्नी सरिता वात्स्यायन और उनके दो बच्चे (बेटा और बेटी) हैं। बेटे ने अर्थशास्त्र में स्नातक और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया है जबकि बेटी ने मानविकी में स्नातक किया है।
हीरानगर जैसे छोटे गांव से निकलकर देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के अहम जिम्मे को संभालना, युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणादायक कहानी है।
वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन की यह उपलब्धि यह दर्शाती है कि समर्पण, अनुशासन और कड़ी मेहनत से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।