जोगिन्दरनगर : उपमंडल के तहत मकरीड़ी गाँव के युवक साहिल की एक दुखद हादसे में मौत से समस्त जोगिन्दरनगर में शोक की लहर है. शुक्रवार देर रात साहिल के पैतृक गाँव मकरीड़ी गाँव में जैसे ही उसका शव पहुंचा पूरा गाँव चीखों से गूँज उठा. हमेशा दूसरे के चेहरों में ख़ुशी भर देने वाला हँसता चेहरा हमेशा के लिए पंचतत्व में विलीन हो गया.
दोस्तों ने दी नम आँखों से विदाई
दोस्त की दर्दनाक मौत पर शूलिनी विश्वविद्यालय के सहयोगी मित्रों ने जोगिन्दरनगर पहुंचकर नम आँखों से अंतिम विदाई दी. विश्वविद्यालय के निदेशक प्रदीप मंजूमदार ने भी अंतिम शवयात्रा में हिस्सा लिया. शुक्रवार देर रात साहिल के पैतृक गाँव मकरीड़ी गाँव में जैसे ही उसका शव पहुंचा पूरा गाँव चीखों से गूँज उठा. लाडले के शव को देखकर माता सत्या देवी गिरकर बेहोश होती रही. परिजनों और आसपास के लोगों ने उसे ढाढस बंधाया.
गहरे सदमे में है बहन साक्षी
भाई की मौत पर बहन साक्षी गहरे सदमे में है. सोलन सड़क दुर्घटना में घर का चिराग बुझ जाने पर पिता नेकराम का दिल भी पत्थर बन चुका है. लाडले के लिए जो सपने देखे गये थे वे पलभर में राख का ढेर हो गए. माँ बेटे की निशानियों को देखकर उस बेटे को महसूस कर रही है जो अब इस दुनिया में नहीं है. दोस्त को श्रद्धांजलि देने पहुंचे शूलिनी विश्वविद्यालय के छात्र सूरज,वर्गा, प्रिय महेंद्र, लक्ष बीर, रिशब, शुभम पठानिया आदि ने साहिल के पिता को ढाढस बंधाया.
लोगों ने दी श्रद्धांजलि
शनिवार को मकरीड़ी गाँव जाकर पंचायत के प्रधान और जिला परिषद सदस्य जीवन सहित गाँव वासियों ने अपनी परिवार के साथ गहरी संवेदना व्यक्त की. सांसद, भाजपा महामंत्री और शूलिनी के रजिस्ट्रार डॉ.सुनील पूरी ने हादसे पर गहरा शोक प्रकट किया है.
शादी की खुशियाँ मातम में बदली
सड़क दुर्घटना में मारे गये साहिल की मौत से परिवार में शादी की खुशियाँ भी मातम में बदल गई.महज घर से 1 किलोमीटर की दूरी पर साहिल की फुफेरी बहन की डोली उठी तो दूसरी तरफ साहिल की अर्थी उठी. यह मंजर देखकर पूरे गाँव में मातम पसर गया.