शिमला : हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षकों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है. मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे 10 हजार से ज्यादा शिक्षकों को नियमित करने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद पीटीए, पैरा और पैट के अध्यापकों को काफी फायदा होगा. मामलू हो कि हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने शिक्षकों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी थी. हिमाचल उच्च न्यायालय के फैसले पर मुहर लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पैट, पैरा और पीटीए शिक्षकों के नियमितीकरण की मंजूरी थी. अब गुरुवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुए कैबिनेट की बैठक ने भी इस फैसले पर सहमति दे दी है.
अन्य फैसले
अब 100 प्रतिशत सिटिंग कैपसिटी के साथ बसें चलेंगी वहीँ बस में खड़े होकर सफर नहीं किया जा सकेगा.मंत्रिमंडल में बस किराया बढ़ाने पर फैसला नहीं लिया गया है. राज्य से बाहर बड़ी गाडी खरीदने पर कीमत के 2 फीसदी सरकार को देना होगा. वहीँ मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेव का समर्थन मूल्य 50 पैसे बढ़ाया गया है.आम का भी 1.50 पैसे बढ़ाया गया है.
तारपीन की बिक्री से मिला राजस्व
मालूम हो कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश के वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने राज्य वन विकास निगम के निदेशक मंडल की बैठक में जानकारी देते हुए कहा था कि निगम ने तारपीन तेल की बिक्री से 5.60 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है. पेड़ों से बिरोजा निकासी के लिए बोर होल जैसे वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग किया जाए, ताकि बिरोजा की गुणवत्ता बनी रहे. इसके अतिरिक्त, बिरोजा बिक्री के लिए ई-टेंडर सहित यील्ड बेस प्रक्रिया का प्रयोग किया जाए.
94 पद भरे जाएँगे
वनमंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर के मुताबिक, निगम के कार्यों को सुचारू बनाए रखने के लिए सीधी भर्ती द्वारा 75 वन रक्षकों सहित विभिन्न श्रेणी के 94 पदों को शीघ्र भरा जाएगा. इसके साथ ही निगम में आउटसोर्स प्रक्रिया द्वारा बहुउद्देश्यीय कामगारों की भी भर्ती की जाएगी.
मिलेगा महंगाई भत्ता
बैठक में वन निगम में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पहली जुलाई 2019 से प्रदेश सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर पांच प्रतिशत मंहगाई भत्ता देने का निर्णय लिया गया, जिससे निगम के 1421 कर्मचारी लाभान्वित होंगे.