तैर रहा पराशर झील में स्थित भूखंड,माना जा रहा शुभ संकेत

मंडी : लॉकडाउन के चलते जहाँ हवा- पानी शुद्ध होने लगा है वहीँ कई प्राकृतिक घटनाएँ भी सामने आ रही हैं. एक ऐसी ही चमत्कारिक घटना आजकल मंडी जिला में स्थित प्रसिद्ध पराशर झील में घट रही है. तैरते हुए टापू के नाम से प्रसिद्ध झील पराशर में तैरता हुआ भूखंड आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है. वर्ष में एक दो बार तैरने वाला भूखंड आजकल दिन में तीन बार पूरी झील के चक्कर लगा रहा है.

पराशर ऋषि ने की थी तपस्या

इस पवित्र स्थल में पराशर ऋषि ने तपस्या की थी तब से यहाँ स्थित मंदिर में ऋषि पराशर को मंडी के कुल देवता के रूप में पूजा जाता है. इस भूखंड का तैरना शुभ संकेत माना जा रहा है.

भूखंड का तैरना शुभ संकेत

पुजारी का कहना है कि 2-3 दशक पहले इस तरह यह भूखंड सुचारू रूप से चलता था जोकि शुभ संकेत होता है. कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में यहाँ लोगों का आना न के बराबर है. वहीँ त्यौहारों के दौरान हजारों लोगों का यहाँ आना जाना होता है. महामारी के चलते स्थानीय लोग इस घटनाक्रम को सकारात्मक दृष्टिकोण के रूप में देख रहे हैं.

देवी देवताओं पर पूरा भरोसा

आज विज्ञान इन मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता लेकिन जब पहले स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी नहीं थीं तो देवी देवताओं के आशीर्वाद से ही इस प्रकार की बीमारियों से निजात मिलती थी. इसी प्रकार लोग आज अपने देवी देवताओं से इस बीमारी से निजात दिलाने की प्रार्थना कर रहे हैं.

पढ़ें मंदिर की कहानी

तैरने वाले टापू के नाम से मशहूर है जिला मंडी की यह झील

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