बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग हादसों ने बढ़ाई चिंता

दुनिया के सबसे बेहतरीन एयरोस्पोर्ट स्थलों में से एक माने जाने वाले बीड़ बिलिंग में अपर्याप्त सुरक्षा और बचाव उपायों ने यहां चल रहे पैराग्लाइडिंग विश्व कप सहित साहसिक खेल गतिविधियों की व्यवहार्यता पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

पैराग्लाइडिंग उड़ान भरने का स्थान

बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाओं की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हो रही है। पिछले 5 वर्षों में लगभग 30 दुर्घटनाओं में 14 पायलटों की जान चली गई है, जिससे यहां सुरक्षा उपायों की कमी और कड़े नियमों की आवश्यकता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

सालाना दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं औसतन 2 पायलट
हाल ही में एक बैल्जियम के पायलट की हवा में टक्कर के बाद मौत हो गई, जबकि पोलैंड के एक पायलट को ऊंचे पहाड़ों से बचाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी।

पिछले कई वर्षों में औसतन 2 पायलट सालाना दुर्घटनाओं में मारे गए हैं। एयरोस्पोर्ट के एक उत्साही ने कहा कि पैराग्लाइडिंग विश्व कप के लिए विश्व स्तरीय सुरक्षा उपायों की अनुपस्थिति आयोजकों (बीड़ पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन) और राज्य सरकार के लापरवाह रवैये को उजागर करती है।

स्थानीय प्रशिक्षकों की सलाह को नजरअंदाज करते हैं विदेशी पायलट
वर्ष 1997 से बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग कर रहे गुरप्रीत ढींडसा ने कहा कि दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि इसलिए हो रही है क्योंकि विदेशी पायलट स्थानीय प्रशिक्षकों की सलाह को नजरअंदाज करते हैं, जो इलाके से अच्छे से वाकिफ होते हैं। विदेशी पायलटों के लिए स्थानीय प्रशिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य होनी चाहिए, इससे दुर्घटनाओं में काफी कमी आ सकती है।

हैलीकॉप्टर सेवा की कमी भी एक बड़ी समस्या
फिलहाल बीड़ बिलिंग में 281 पायलटों को लाइसैंस दिया गया है, जो अकेले या साथ में उड़ान भर रहे हैं। हालांकि यहां के पायलटों के लिए आवश्यक हैलीकॉप्टर सेवा की कमी भी एक बड़ी समस्या बनकर सामने आई है।

जब पायलट ऊंचे पहाड़ों में फंस जाते हैं तो उन्हें बचाने के लिए हैलीकॉप्टर की आवश्यकता होती है, लेकिन बीड़ बिलिंग में ऐसा कोई हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं है। घटनास्थल पर हैलीकॉप्टर पहुंचने में 24 घंटे से अधिक का समय लग जाता है, जबकि यूरोप में यही समय औसतन 40 मिनट होता है।

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