उपमंडल पद्धर के डायनाबाड़ की पहाड़ी पर चौहारघाटी के राजा बड़ादेयो हुरंग नारायण के शिरकत करते ही समूची पहाड़ी भक्तिमय रस में डूब गई।

हजारों की संख्या में लोगों ने यहां पहुंच कर देव हुरंग नारायण का स्वागत किया और देव रथ के समक्ष नृत्य किया। बेला थी चार वर्ष उपरांत पांचवे वर्ष में मनाए जाने वाले इलाका रूहाड़ा (सुराहण काहिका) उत्सव के आगाज का जो तीन दिनों तक धूमधाम से मनाया जाएगा।
देव परंपरा के अनुसार हुरंग नारायण ने यहां सूखा नारायण खूह की परिक्रमा की और संध्या होते ही देव रथ ने सुराहण गांव की ओर प्रस्थान किया। देव कारज के दौरान समूची पहाड़ी धूंध के आगोश में समा गई।
सूखा खूह में देव परंपरा की रश्म निभाने स्नेड नारला गांव से किशोरी लाल का परिवार मौजूद रहा। इस दौरान देवता के गुरों ने यहां देव खेल ली और नारायण खूह की परिक्रमा की।
सुराहण गांव पहुंचने पर इलाका रूहाड़ा नरेश देव सूत्रधारी ब्रम्हा के कारदारों ने वाद्य यंत्रों के साथ हुरंग नारायण का स्वागत किया।
देव खेल उपरांत जोगिन्दरनगर के हराबाग गांव से पैदल चलकर पहुंचे नड़ परिवार के सदस्यों ने देव हुरंग नारायण से देव कारज को निभाने का आशीर्वाद प्राप्त किया। काहिका स्थली पर रात को मुरगण होगा और चारवेद सजाई जाएगी।