जोगिन्दरनगर : आयुष विभाग में बहुपयोगी औषधीय पौधों के संग्रहण कर किसानों की आर्थिकी मजबूती के लिए अब रोटरी क्लब की सहभागिता भी दर्ज होगी।

उत्तर भारत के सात राज्यों में जोगिन्दरनगर में स्थापित आरसीएफसी संस्थान के नेतृत्व में रन फोर हर्व यह अभियान जल्द शुरू होगा।
पंजाब, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर व हिमाचल में औषधीय पौधों से आत्मनिर्भर बन रहे लगभग बीस हजार किसानों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ने के लिए हाल ही में आयोजित आयुष विभाग के साथ रोटरी की कार्यशाला में यह निर्णय लिया गया है जिसका उद्देश्य औषधीय पौधों से किसानों के माध्यम से पैदावार बढ़ाना सुनिश्चित किया गया है।
मंगलवार को आरसीएफसी संस्थान के निदेशक डॉ अरूण चंदन व रोटरी के डिस्ट्रिक गर्वनर रोहित ऑबरॉय ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड के बाद आयुर्वेदिक औषधीयों के बढ़ते रूझान को देखते हुए शताबरी, अश्वगंधा, कुटकी, केसर, तुलसी, कीवी, रूद्राक्ष जैसे औषधीय पौधे जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हुए हैं।
इनकी पैदवार बढ़ाने के लिए अब रोटरी क्लब की भी सहभागिता दर्ज करवाने का निर्णय लिया गया है। बताया कि हिमाचल, पंजाब, जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख के क्षेत्रों में भी रोटरी के अधीन आने वाले 110 क्लबों में तीन हजार से अधिक रोटेरियन औषधीय पौधों की मुल्यवृद्धि, पैदावार और संग्रहण को लेकर अपना योगदान देगें।
आयुष विभाग की इस कार्यशाला में मौजूद हर्बल गार्डन एवं अनुसंधान केंद्र के प्रभारी डॉ उज्जवलदीप शर्मा और एएमओ डॉ रविंद्र कोंडल ने उपस्थित रोटरी के सदस्यों को औषधीय पौधों की उपयोगिता से अवगत करवाया।
इसके साथ ही हर्बल गार्डन में मौजूद 540 से अधिक प्रकार की औषधीय पौधों के संरक्षण और संग्रहण की जानकारी भी दी।
इस मौके पर रोटरी क्लब जोगिंद्रनगर के अध्यक्ष डॉ चंद्रभूषण शर्मा, सचिव अधिवक्ता रणजीत चौहान, रोटेरियन रामलाल वालिया, मेजर ज्ञान चंद बरवाल, सुशील पठानिया, एनआर बरवाल, शेर सिंह, रोटरी के जिला पर्यावरण संरक्षक अजय ठाकुर भी मौजूद रहे।