हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं को इस वित्तीय वर्ष में 317 करोड़ रुपए की राशि जारी की जाएगी। यह राशि 15वें वित्तायोग के तहत जारी की जाएगी। प्रदेश सरकार के अनुसार 14वें वित्तायोग के तहत विभिन्न विकास कार्यों के लिए ग्राम पंचायतों को 850.17 करोड़ की राशि प्रदान की गई, जिसमें से लगभग 700 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं।
15वें वित्तायोग के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए पंचायतों के विकास के लिए 429 करोड़ रुपए प्रदान किए गए थे। वहीं वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 317 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वित्तायोग की सिफारिशों के तहत गत चार वर्षों के दौरान विभिन्न ग्राम पंचायतों को 633.18 करोड़ प्रदान किए गए हैं और वर्ष 2021-22 के लिए 248.55 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
सरकार द्वारा राष्ट्रीय ग्राम स्वरोजगार अभियान के अंतर्गत जिला सिरमौर में 5.65 करोड़, किन्नौर में 3.65 तथा ऊना में 5.50 करोड़ से जिला संसाधन केंद्र बनाए जा रहे हैं। प्रदेश के पंचायत भवनों के स्तरोन्नयन व मरम्मत के लिए 700 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं, जिनमें से 69 पंचायत भवनों पर 5.71 करोड़ व्यय किए गए हैं।
पंचायत घरों में लोक सेवा केंद्रों के निर्माण के लिए 27.44 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं, जिसमें से लगभग 16.45 करोड़ व्यय किए गए हैं। निर्वाचन प्रतिनिधियों एवं कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए 5.38 करोड़ जारी किए गए हैं। वर्ष 2021-22 की योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा 164.43 करोड़ रुपए अनुमोदित किए गए हैं, जिसके अंतर्गत पंचायत प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने, जिला पंचायत संसाधन केंद्र तथा 1924 कॉमन सर्विस केंद्रों का निर्माण किया जाएगा।
पंचायतों में सामुदायिक केंद्रों के निर्माण, स्तरोन्नयन के लिए वित्त वर्ष 2019-20 में 252 पंचायातों को 17.06 करोड़, 2020-21 में 22.79 करोड़ रुपए तथा वर्ष 2021-22 में 148 ग्राम पंचायतों को 22.50 करोड़ जारी किए गए हैं।
पंचायतों का डिजिटलाइजेशन
सरकार द्वारा पंचायतों के डिजिटलीकरण के तहत 412 नई ग्राम पंचायतों को ई-पंचायतों से जोडऩे के लिए दो करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं। पंचायतों के परिवार रजिस्टर ऑनलाइन कर पहली अप्रैल, 2018 से लोगों को इसकी ऑनलाइन प्रतियां जारी की जा रही हैं। विभिन्न सॉफ्टवेयर के माध्यम से पंचायतों में कार्य किए जा रहे हैं।