पैराग्लाइडिंग की विश्व विख्यात घाटी बिलिंग जहां विश्व के मानचित्र पर छाई है और आजकल हजारों पर्यटक बिलिंग का लुफ्त उठाने के लिए पहुंच रहे हैं। मगर हैरानी इस बात की है कि पर्यटकों को न तो पीने के लिए पानी मिल रहा है न ही शौचालय की सुविधा है। जिसके कारण पर्यटकों खासकर महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बिना पानी के वहां बने शौचालयों पर ताला लटका पड़ा है। नल तो लगे हैं, मगर वे शोपीस बन चुके हैं।
जिनसे पानी की एक बूंद नहीं टपकती। सरकार द्वारा नई मंजिल नई राहें के तहत बिलिंग में पानी पहुंचाने के लिए दो करोड़ के करीब की राशि उपलब्ध करवाई है जिसमें से कुछ राशि जल शक्ति विभाग को दे दी गई है। जल शक्ति विभाग ने वहां पानी पहुंचाने के लिए टेंडर तो लगा दिए। मगर काम शुरू होने से पहले ही उस पर विरोधी स्वर उभरने शुरू हो गए। जिससे साफ लगता है कि बिलिंग में न तो पीने को और न ही शौचालय में पानी उपलब्ध होगा। जिससे पर्यटकों को और परेशानी झेलनी पड़ेगी।
बीड़ पंचायत के प्रधान सुरेश ठाकुर का कहना है कि पंचायत की बिना एनओसी लिए जल शक्ति विभाग ने टेंडर लगा दिए। उनका कहना है कि पहले भी इस बारे बीड़, क्योर, चौगान, सूजा चारों पंचायतों की जनता दो टूक कह चुकी है कि चोलटू नाला से बिलिंग के लिए पानी नहीं ले जाने दिया जाएगा, बावजूद उसके विभाग ने कैसे टेंडर लगा दिया। उन्होंने विभाग को चेताया है कि जिस चोलटू नाला के पीछे से जल शक्ति विभाग पानी लाना चाहता है, वह प्राकृतिक स्रोत हैं।
वहीं से बीड़, चौगान, क्योर, सूजा की पंचायतों के हजारों ग्रामीणों के लिए पानी का मुख्य स्रोत है। गर्मियों में वैसे ही वे जल स्रोत सूख जाते हैं। ऐसे में चारों पंचायतों में पीने के पानी की हाहाकार मच जाती है। अगर विभाग ने वहां से पानी बिलिंग के लिए उठाया तो इन चारों पंचायतों के लिए समस्या खड़ी हो जाएगी। जो यहां की जनता सहन नहीं करेगी।
उन्होंने जल शक्ति विभाग से कहा कि पहले भी राजगूंधा से बिलिंग से पानी लाया जाता था। अब भी वहां से पानी उठाने की प्रोपोजल बनाई जाए। अगर विभाग ने फिर भी मनमानी की तो मजबूरन जनता को आंदोलन करना पड़ेगा।