विश्व प्रसिद्ध बीड़-बिलिंग घाटी में टेंडम पैराग्लाइडिंग की उड़ानों को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आ रही है। आजकल निचले इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी से निजात पाने के लिए बाहरी राज्यों से पर्यटक बीड़ बिलिंग घाटी पहुंच रहे हैं।

बता दें कि बिलिंग घाटी हर वर्ष हजारों पर्यटकों को अनोखा रोमांचक अनुभव प्रदान करती है, लेकिन सुरक्षा मानकों की अनदेखी से यह रोमांच जानलेवा बनता जा रहा है।
साडा प्रशासन द्वारा टेकऑफ साइट बिलिंग में पायलटों की जांच के लिए छह कर्मियों की तैनाती की गई है, लेकिन यह जांच केवल औपचारिकता बनकर रह गई है।
पायलटों से प्रति उड़ान 75 रुपए शुल्क लेकर उन्हें उड़ान भरने की अनुमति दी जाती है, परंतु यह शुल्क सुरक्षा की गारंटी नहीं बन पा रहा है।
घाटी में वर्तमान में लगभग 300 पायलट सक्रिय हैं, जो बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को टेंडम उड़ानें करवा रहे हैं, लेकिन इनमें से कई पायलटों के पास न तो वैध बीमा है और न ही उनके ग्लाइडर तकनीकी जांच से प्रमाणित है।
यह स्थिति पर्यटकों की जान को सीधा खतरे में डाल रही है। पर्यटन विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक पायलट को हर वर्ष अपने ग्लाइडर की तकनीकी जांच करवानी होती है और टेंडम उड़ान के लिए पर्यटक का बीमा अनिवार्य होता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि कई पायलट इन नियमों का पालन नहीं कर रहे।
घाटी में निगरानी के लिए आठ मार्शल तैनात हैं। साथ ही पर्वतारोहण संस्थान और पर्यटन विभाग के प्रतिनिधि भी अधिकृत हैं, लेकिन नियमित निरीक्षण न के बराबर हो रहा है।
अकसर कार्रवाई तब होती है, जब कोई हादसा घटित हो जाता है। इन मार्शल का काम पायलटों पर नजर रखना, मौसम अनुकूल है या नहीं यह देखना और साथ में लैंडिंग साइट क्योर की निगरानी करना है। हाल ही में लैंडिंग साइट क्योर में आवारा पशु के कारण पायलट की जान बड़ी मुश्किल से बची।
इस दौरान आवारा पशु उसके ग्लाइडर को ही अपने साथ ले भागा। गनीमत यह रही कि पायलट ने ग्लाइडर के हुक का समय रहते खोल लिया, नहीं तो कोई हादसा हो सकता था। पर्यटन विभाग एवं पर्वतारोहण संस्थान द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों के तहत हर पायलट को मान्य दस्तावेज रखने, वार्षिक उपकरण निरीक्षण कराने एवं पर्यटकों का बीमा करवाना अनिवार्य किया गया है।
इसके बावजूद वर्तमान में इन नियमों की अनदेखी हो रही है। इस पर प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।
पर्यटकों-जनप्रतिनिधियों की प्रशासन से मांग
घाटी में आए पर्यटकों ने भी पायलटों के दस्तावेजों की जांच और सुरक्षा मानकों की समीक्षा की मांग की है। लोगों का कहना है कि बिलिंग घाटी की पहचान विश्वस्तरीय पैराग्लाइडिंग स्थल के रूप में है, लेकिन यदि सुरक्षा मानकों की इसी तरह अनदेखी होती रही, तो यह पहचान खतरे में पड़ सकती है।
प्रशासन को चाहिए कि वह नियमों को सख्ती से लागू करे और पर्यटकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे। पर्यटकों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रशासन से अपील की गई है कि उड़ानों की निगरानी को सख्ती से लागू किया जाए और बिना वैध दस्तावेजों के उड़ान भरने वाले पायलटों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
नियमों की अनदेखी करने वालों पर होगी कार्रवाई
साडा पैराग्लाइडिंग के सुपरवाइजर रणविजय का कहना है कि पैराग्लाइडरों की बीमा की चैकिंग की जा रही है। किसी भी पायलट को बिना ग्लाइडर चैकिंग और बिना दस्तावेजों के उड़ान भरने नहीं दी जाती है।
साडा के चेयरमैन एसडीएम बैजनाथ संकल्प गौतम का कहना है कि जल्द ही घाटी में पायलटों के दस्तावेजों और उपकरणों की विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा और नियमों की पालना सुनिश्चित की जाएगी।
अगर फिर भी कोई पायलट बिना दस्तावेज जांचे बिना इंश्याोरेंस या फिर साडा प्रशासन पर्यटन विभाग द्वारा बनाए कानून की अवेहलना करता पकड़ा जाएगा, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनके ग्लाइडर जब्त किए जाएंगे।