विश्व विख्यात पैराग्लाइडिंग घाटी बीड़-बिलिंग एक बार फिर देशी और विदेशी मानव परिंदों से गुलजार हो उठी है। जैसे ही मौसम ने करवट ली, यहां की खुली और स्वच्छ वादियों में पैराग्लाइडिंग का जुनून परवान चढ़ने लगा है।

इसके चलते विदेशी पैराग्लाइडरों के दस्तक देनी शुरू कर दी है। वैसे भी बिलिंग घाटी विश्व भर में पैराग्लाइडिंग गतिविधियों के लिए बेहतरीन मानी जाती है।
इसी के साथ साल भर में अक्तूबर व नवंबर महीने तो इस घाटी में पैराग्लाइडिंग के लिए मौसम के लिहाज से बेहतर माने जाते हैं, क्योंकि इस महीनों में उड़ान भरने के लिए हवा का दबाव बेहतर माना जाता है।
बिलिंग घाटी के शीर्ष स्थान अर्जित किए जाने का एक मुख्य कारण यह भी है कि बिलिंग से उड़ान भरने वालों को दो सौ किलोमीटर का खुला एरिया उपलब्ध है, जो शायद और कहीं भी उपलब्ध नहीं है।
यही कारण है कि खास कर विदेशी पैराग्लाइरों की पहली पसंद बिलिंग है। वर्तमान में करीब 12 देशों रसिया, इजरायल, पोलैंड, स्विट्जरलैंड, स्विश आदि देशों से 80 से अधिक विदेशी पैराग्लाइडर पायलट बीड़-बिलिंग पहुंच चुके हैं।
ये सभी रोमांच प्रेमी प्रतिदिन बिलिंग की ऊंची चोटियों से उड़ान भरते हुए घाटी की सुंदरता का आनंद ले रहे हैं। मौजूदा समय में सिर्फ विदेशी ही नहीं, सैकड़ों देशी,विदेशी पर्यटक भी प्रतिदिन टेंडम उड़ानों का रोमांचक अनुभव ले रहे हैं।
प्रशिक्षित पायलटों के साथ उड़ान भरते ये पर्यटक हिमालय की गोद में उड़ते हुए जीवनभर की यादें समेट रहे हैं। बीड़-बिलिंग घाटी में पैराग्लाइडिंग गतिविधियों का यह दौर आगामी महीनों में और भी तेजी पकडऩे की संभावना है।
एसडीएम ने बताया
साडा के चेयरमैन एसडीएम संकल्प गौतम ने बताया कि घाटी में पर्यटकों के साथ-साथ विदेशी पायलट भी पहुंच चुके हैं। प्रशासन द्वारा बाहर से आने वाले पर्यटकों विदेशी पायलट को कोई असुविधा न हो, पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
80 विदेशी पायलट का पंजीकरण
साडा पैराग्लाइडिंग सुपरवाइजर रणविजय ने बताया कि 80 विदेशी पायलट का पंजीकरण किया जा चुका है। बाहर से आने वाले हर पायलट का पंजीकरण करने के बाद बाद ही पैराग्लाइडिंग करने की परमिशन दी जाती है। घाटी में पर्यटकों के आने में इजाफा हो रहा है।