प्रदेश के प्रमुख शक्तिपीठों और मंदिरों में सात अक्तूबर से आश्विन नवरात्र का आगाज होगा। भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से मंदिरों में नवरात्र को लेकर एसओपी जारी की गई है। इसमें जिलाधीशों से कोविड का हाल जानकर मंदिरों को खोलने को लेकर इस बार कुछ छूट दी जा सकती है। इसके लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग ने जिलाधीशों से कोविड की रिपोर्ट मांगी है।
प्रदेश में में पांच मुख्य शक्तिपीठ चिंतपूर्णी, माँ ज्वालाजी, श्री नैना देवी, माँ बृजेश्वरी देवी व् माँ चामुंडा देवी शामिल हैं, जहां अधिक भीड़ रहती है। प्रदेश में लगातार कोविड के मामले घट रहे हैं। ऐसे में इस बार विभाग मंदिरों में नई व्यवस्था के साथ छूट दे सकते हैं। अब कोविड के ताजा मामलों पर ही यह निर्भर करेगा। प्रदेश में एक्टिव केस कम हो गए हैं इसके साथ ही रोजाना पॉजीटीव मरीजों का आंकड़ा भी अब सौ से कम होता जा रहा है।
विभाग का कहना है कि कोविड के लिए पहले से ही केंद्र की ओर से मंदिरों के लिए जारी की गई एसओपी का पालन करना होगा। गौर रहे कि प्रदेश में सात से 14 अक्तूबर तक नवरात्र हैं और 15 अक्तूबर को दशहरा मनाया जाएगा। इससे पहले श्रावण अष्टमी नवरात्र के दौरान राज्य के मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 आरटी-पीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट या पूर्ण टीकाकरण प्रमाण पत्र को अनिवार्य कर दिया था। इस बार यह व्यवस्था जारी रहेगी।
मेला अधिकारी और मेला पुलिस अधिकारी इस अवधि में मास्क नहीं तो दर्शन नहीं नीति का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे । वहीं सभी धार्मिक स्थलों के प्रवेश द्वार पर तापमान मापने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी और हाथ धोने या सेनिटाइजर उपलब्ध कराया जाएगा। मंदिरो में इस बार भी प्रसाद ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
सात अक्तूबर से नवरात्र के लिए पहले से केंद्र की एसओपी ज़ारी रहेगी. जिलाधीशों से सभी जिलों की कोविड की स्थिति की डिटेल मांगी गई है.
पंकज ललित, निदेशक, भाषा एवं संस्कृति विभाग