महिला डाककर्मी ने सालों से नहीं बांटे खत, बोरियों में मिले आधारकार्ड-ज्वाइनिंग लेटर

सरकाघाट :पति को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के आरोप में सलाखों के बीच दिन काट रही महिला के बारे में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। मृतक की पत्नी व आरोपी महिला डाक विभाग में कार्यरत थी, लेकिन इसने कई वर्षों से डाक ही नहीं बांटी और बोरियों में भर कर सारी चिट्ठियां घर में ही छिपाए रखीं।

ससुराल वालों द्वारा कमरे की तलाशी लेने पर अब सैकड़ों खत, एटीएम कार्ड, ज्वाइनिंग लेटर, एडमिट कार्ड, आधार कार्ड, सर्टिफिकेट और रजिस्ट्ररी लैटर और न जाने क्या-क्या बरामद हुआ है। महिला डाककर्मी की कारण ही कई लोगों के भविष्य भी धूमिल हो गए हैं।

डाक विभाग की महिला कर्मी द्वारा डाक विभाग में तमाम पत्राचार को आगे वितरित ही नहीं किया गया है। भले ही डाक विभाग ने महिला कर्मचारी को सस्पेंड करके चार्चशीट कर दिया गया है और जल्दी ही टर्मिनेट कर दिया जाएगा, लेकिन उसकी गलती से कई लोगों की जिदंगी तबाह हो गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 2014 से डाक विभाग में कार्यरत नवाही के गांव बस्तला की यह महिला पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस हिरासत में  हैं। उस पर उसके ससुरालियों और ग्रामीणों ने कई आरोप लगाए हैं।

ससुर मेहर चंद और जेठ संजय कुमार ने बताया कि इस महिला के कारण न सिर्फ  उसका पति आत्महत्या करने को मजबूर हुआ, बल्कि उसके कारण कई लोगों की जिंदगियां भी बर्बाद हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस महिला ने अपनी ड्यूटी ढंग से नहीं की और समय पर लोगों के कॉल लैटर, प्रमाण पत्र, रजिस्ट्रियां,  पार्सल, स्पीड पोस्ट, इंश्योरेंस पॉलिसियां, रसीद, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि उन तक नहीं पहुंच पाए और यह सब महिला के कमरे में रखे एक ट्रंक में रखी तीन बोरियों में मिले हैं।

उन्होंने कहा कि वह 2014 से लेकर अब तक 14 स्टेशन बदल चुकी थी। इनमें नबाही, चोलथरा, रखोह, सरकाघाट, बेहना, बलद्वाड़ा, गोपालपुर, नरोला आदि जगहों पर यह तैनात हो चुकी थी। इसके पास से  1029 आधार कार्ड, अढ़ाई हजार से अधिक स्पीड पोस्ट, कॉल लैटर, एलआई रसीद बुक, चैक बुक, स्कूली  प्रमाण पत्र से भरी तीन बोरियां मिली हैं। कई दस्तावेज तो खराब हो चुके हैं।

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