मंडी : यूक्रेन में हर रोज बिगड़ते हालातों के आगे बच्चों के परिजन सहम कर रह गए हैं। मंडी जिला से भी 50 से अधिक छात्र-छात्राएं व अन्य लोग यूक्रेन में फंस गए हैं। हालांकि इसे लेकर अधिकारिक आंकड़ा भी अभी तक प्रशासन के पास नहीं है।
प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार 25 के लगभग लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं, जबकि यूक्रेन संकट के बाद आ रही खबरों और सामने आ रहे परिजनों के बाद यह आंकड़ा 50 को पार गया है, जबकि यह भी बताया जा रहा है कि यूक्रेन में मंडी जिला से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने के लिए गए हुए हैं, जिनमें से कई लौट कर भी चुके हैं। उधर, रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद अभिभावक सहमे हुए हैं। कई बच्चों के माता-पिता व अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
गुरुवार को पूरा दिन बच्चों के अभिभावक विभिन्न न्यूज चैनल को देखते रहे और युद्ध की अपडेट लेते रहे। परिजनों ने सरकार से अपनों बच्चों को सकुशल भारत लाने की फरियाद लगाई है। वहीं मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल से भी पांच लोग वहां पर फंस गए हैं, जिनमें से एक छात्र विमल की हाल ही में सुरक्षित घर वापसी भी हो गई है।
इनमें से चार बच्चे मेडिकल के क्षेत्र में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि एक बेटी जॉब कर रही है। एसडीएम सुंदरनगर धर्मेश रामोत्रा का कहना है कि एक और बच्चे की 28 फरवरी को वापसी को लेकर टिकट बुक हुई है।
उन्होंने आशा जाहिर की है कि सभी भारतीय जल्द ही सुरक्षित घर लौट आएंगे, वहां पर रह रहे बच्चों में अंकुर कुमार निवासी धनोटू, सुनील कुमार पुत्र मेहर चंद निवासी निहरी, अंतिमा धीमान पुत्री दीप चंद निवासी भौण बाडी, ईशा पुत्र संजय धीमान निवासी पुराना बाजार के नाम शामिल हैं, जिसमें से विमल कुमार लौट आया है।
वहीं, यूक्रेन के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में मंडी सदर के दस, बल्ह के पांच, धर्मपुर के सात, सुंदरनगर के पांच, थुनाग व जोगिन्दरनगर के तीन-तीन और गोहर, कोटली व करसोग के एक-एक छात्र शिक्षा प्राप्त करने गए हैं, जो अभी तक भी वहीं फंसे हैं।
सुंदरनगर : ईशा धीमान के पिता संजय धीमान का कहना है कि युकेन में हालात तनाव पूर्ण होने से बच्चों में भय की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने बताया कि बच्चे वहां पर होस्टल में ही ठहरे हुए है और खाने-पीने की चीजें अवश्य ही बच्चों को सामान्य तौर पर मिल रही हैं, लेकिन विदेश में इस तरह से हमले होने से बच्चे होस्टल में फंस कर रह गए हैं और इस मसले में भारत सरकार की ओर से लेटलतीफी बच्चों पर आगे भारी पड़ रही है।
संजय धीमान ने भारत सरकार से मांग की है कि इस दिशा मे ंजल्द से जल्द युक्रेन में फंसे हुए बच्चों को सुरक्षति भारत की व्यवस्था की जाए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा करके इस मसले का समाधान करके राहत प्रदान की जाए। उन्होंने बताया कि ईशा धीमान उनकी इकलौती बेटी है, वहां पर एमबीबीएम की पढ़ाई करने गई है।
सरकाघाट : सरकाघाट क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे हुए हैं। अभी तक हालांकि सरकाघाट और धर्मपुर उपमंडल से 11 लोगों के फंसे होने की पुष्टि हुई है। एसडीएम सरकाघाट व पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार उपमंडल धर्मपुर से छह लड़के व एक लड़की, उपमंडल सरकाघाट के तीन लड़के व एक लड़की यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।
इसके अलावा धर्मपुर उपमंडी के तीन छात्र व एक छात्रा घर पहुंच गई है, जबकि अविनाश ठाकुर, नारायण सिंह, अंकुश ठाकुर अभी यूक्रेन में ही फंसे हुए हैं। सरकाघाट उप मंडल के दो लड़के घर पहुंच गए है, जबकि एक छात्रा ईशा कौशल दोहा मे पहुंच गई है। उसकी भारत के लिए शाम चार बजे फ्लाइट है। एक छात्र शुभम ठाकुर यूके्रन में ही है, जिसकी फ्लाइट 26 फरवरी की है।
शुभम ठाकुर के पिता ओमप्रकाश ठाकुर ने कहा कि मेरा बेटा कालेज होस्टल में ही है, जहां और भी बच्चे हैं और सभी सुरक्षित हैं। उधर, यूके्र न में फंसे धर्मपुर के अविनेश ठाकुर, नारायण सिंह ब अंकुश ठाकुर के माता-पिता भी चिंतित हैं।
जोगिन्दरनगर : यूक्रेन में एमबीबीएस कर रही बेटी करीना को जब मां-बाप ने गले लगाया, तो चैन आया और खुशी से आंखे भी नम हुईं। जोगिन्दरनगर की करीबी जिमजिमा पंचायत के उपप्रधान राजकुमार की बेटी करीना यूक्रेन से डाक्टरी की पढ़ाई कर रही है, जून माह में उसकी पढ़ाई पूरी होनी है।
इस बीच यूक्रेन पर हमले की खबरों ने मां-बाप की नींद ही उड़ा दी, लेकिन बुधवार देर रात जब उनकी बेटी सकुशल घर पहुंची तो माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। करीना ने बताया कि वे अपने माता-पिता से रोजाना फोन पर बात कर हर बात को सांझा करती रही, लेकिन घर पहुंच कर परिजनों सहित करीना ने सुकून की सांस ली है।
दीप चंद निवासी भौण भाड़ी पंचायत कलाहौड़ ने बताया कि युक्रेन में कुछ जगहों पर हालात सामान्य हैं। कई जगहों पर स्थिति नाजुक बनी हुई है। दीप चंद ने बताया कि जहां पर उनकी बेटी अंतिमा गुलेरिया जॉब करती है, वहां पर स्थिति सामान्य है।
उनकी बेटी से बात होने पर उसने चिंता न करने और न ही घबराने की बात कही, वहीं पंचायत प्रधान शीला देवी का कहना है कि आतिमा गुलेरिया के पिता दीप चंद ने युके्रन में बेटी सुरक्षित और सामान्य माहौल में जॉब करने की बात कही, जा ेकि खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी से राजाना बातचीत होती है, लेकिन अन्य जगहों पर स्थिति तनावपूर्ण होने से लोग भयभीत हैं।
विमल कुमार पुत्र चाबुक चंद निवासी राक्कड़ पंचायत कनैड का कहना है कि वह हाल ही में युके्रन से लौटे हैं, जहां पर जिस विवि में वह एमबीबीएम कर रहे थे। वह सुरक्षित हंै, लेकिन वर्तमान में हालात ठीक नहीं है और वहां पर जो लोग रह रहे हैं।
वर्तमान में आसपास के एटीएम में जाकर पैसे निकालने में जुटे हुए हैं। खाने-पीने की चीजें अभी तक सामान्य मिल रही है। आगे के हालात ठीक नहीं लग रहे हैं। पंचायत प्रधान बिशन दास का कहना है कि विमल यूके्रन में मेडिकल की पढ़ाई करने गया था, जोकि 22 की फ्लाइट से दिल्ली और 23 फरवरी को सुरक्षित घर पहुंचा है।