जोगिन्दरनगर : जोगिन्दरनगर के करीब ही कर्णपुर धार में माँ बंडेरी का मंदिर स्थित है। माँ का यह मंदिर प्राकृतिक दृश्यों से घिरा हुआ है। किवदंती के अनुसार माँ बंडेरी लोगों व मवेशियों की महामारी और प्राकृतिक प्रकोपों से रक्षा करती है।
माँ के मंदिर के पास ही उस समय के राजा के द्वारा बनाया गया कर्णपुर किला भी स्थित है। इसी कर्णपुर किले की वजह से इस धार को कर्णपुर धार के नाम से भी जाना जाता है।
मंदिर से सिकंदरधार का नज़ारा साफ़ दिखाई देता है। यहाँ से एहजू गढ़ का किला भी दिखाई देता है। इसके साथ ही जिला काँगड़ा का कुछ हिस्सा भी दिखाई देता है।
माँ बंडेरी का यह मंदिर बान,चीड़ व देवदार के घने वृक्षों के बीच स्थित है। किवदंती के अनुसार माँ बंडेरी स्थानीय लोगों के मवेशियों व लोगों की महामारी और प्राकृतिक प्रकोपों से रक्षा करती थी।
नवरातों के दौरान इस मंदिर में खूब चहल पहल रहती है। मंदिर की व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए मंदिर सुधर कमेटी की स्थापना भी की गई है। कमेटी मंदिर में विभिन्न सुधार कार्य कर रही है।
मंदिर तक पहुँचने के लिए दो रास्ते हैं। एक गुगली पुल के करीब हनुमान और शनि मंदिर से सीधा रास्ता मंदिर के लिए जाता है। दूसरा गलू पट्ट से होते हुए मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
जय माँ बंडेरी