हिमाचल विधानसभा के जोगिन्दर नगर क्षेत्र के लिए होने वाले चुनाव के लिए चुनावी सरगर्मियां जोरों पर है. जहाँ एक ओर पुराने दिग्गज मैदान पर तैयार हैं वहीँ नये योद्धा भी दो-दो हाथ करने के लिए कमर कस चुके हैं. विश्लेषकों की नज़र में, आईये देखते हैं, किसमें कितना है दम.
ठाकुर गुलाब सिंह
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ठाकुर गुलाब सिंह क्षेत्रीय चुनाव में सबसे दमदार उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं. क्षेत्र ही नहीं बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी इनका सिक्का चलता है. वर्तमान लोक निर्माण मंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री के समधी ठाकुर गुलाब सिंह इस खेल के पुराने खिलाडी हैं. वर्ष 1977 ,1980, 1982, 1990, 1993 , 1998 और 2007 में जोगिन्दर नगर विधानसभा सीट जीत चुके ठाकुर गुलाब सिंह को हराना किसी भी प्रतिभागी के लिए टेढ़ी खीर से कम नहीं है. हालाँकि, वर्ष 2003 में कांग्रेस से बीजेपी में प्रस्थान करने पर इन्हें जनता के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ा था, परन्तु “घर-घर सड़क पहुँचाई” के लोक-भावन नारे के साथ मैदान पर उतरे ठाकुर गुलाब सिंह को हराने के लिए विरोधियों के पास ऐसे किसी अचूक अस्त्र के कमी सम्भवता: खल रही होगी.
कुशाल भारद्वाज
तेजी से उभरते और युवाओं के बीच लोकप्रिय सीपीआई(मा.) के कुशाल भारद्वाज पहली बार विधानसभा सीट के चुनावी रण में उतरने को तैयार हैं. कुशाल भारद्वाज जो कि अपने छात्र काल में एस.एफ.आई. के प्रखर और तेज़-तर्रार नेता रहे हैं, समय-समय पर मजदूरों, किसानों के हित के लिए आवाज़ उठाने के लिए जाने जाते हैं. जन-सुविधाओं और अधिकारों की मांगों को लेकर पिछले कई महीनों से भूख-हड़ताल, धरने और प्रदर्शन को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाले कुशाल भारद्वाज इस बार कुछ कर दिखाने को तैयार दिखाई पड़ते हैं. पुराने खिलाडियों की मैदान में मौजूदगी को देखते हुए उनके प्रदर्शन पर सबकी नज़र रहेगी.
ठाकुर सुरेन्द्र पाल
कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर ठाकुर सुरेन्द्र पाल इस बार भी अपने चाचाश्री ठाकुर गुलाब सिंह को पटखनी देने को बेताब होंगे. वर्ष 2003 में ठाकुर गुलाब सिंह द्वारा बीजेपी में जाने पर खाली कांग्रेस की सीट पर उनके ही भतीजे ठाकुर सुरेन्द्र पाल को चुनाव लड़वा कर कांग्रेस ने तुरुप की चाल चली थी, जो सटीक रही थी. लेकिन विश्लेषकों का मानना है, वर्ष 2003 में सीट कब्जाने वाले ठाकुर सुरेन्द्र पाल के लिए हालांकि परिस्थितियां इस बार वैसी अनुकूल दिख नहीं रहीं. लोग वैसे भी कांग्रेस को लेकर नाराजगी और संशय की मिलीजुली स्थिति में हैं. कहा जा सकता है कांग्रेस के क्षेत्रीय अभियान को मंजिल तक पहुंचाने में ठाकुर सुरेन्द्र पाल कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ने वाले हैं.
निर्दलीय
निर्दलीय उमीदवारों में जोगिन्दरनगर नगर पंचायत के अध्यक्ष अजय धरवाल और चौंतडा से जगदीश विष्ट का नाम लिया जा सकता है लेकिन मतों के समीकरण को थोडा-बहुत प्रभावित करने के अतिरिक्त निर्दलीय उम्मीदवार विधानसभा चुनाव क्षेत्र में कोई और भूमिका निभाने को तैयार हैं, ऐसा नहीं लगता.