बरोट — 18 सिंतबर की रात को बरोट के लक्कड़ बाजार में भीषण बाढ़ से हुई भारी त्रासदी से जहां करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है, वहीं बरोट के लक्कड़ बाजार व पीएचसी बरोट में सिल्ट भरी हुई है। लगभग 23 दिन बीत जाने पर चौहार घाटी के एक मात्र पीएचसी बरोट में सिल्ट नहीं निकाली गई है। पीएचसी बरोट के पहली मंजिल में सिल्ट भरी है तथा पूरे परिसर में लगभग पांच-छह फुट सिल्ट जमा है, जिस कारण पीएचसी बरोट का कार्य पंजाब राज्य बिजली बोर्ड बरोट के भवन में चलाया जा रहा है। इस कारण घाटी के लोगों को भारी मुश्किलें पेश आ रही हैं। पीएचसी बरोट के कमरों व परिसर से सिल्ट न निकालने पर क्षेत्र की जनता में पंजाब राज्य बिजली बोर्ड के प्रति गहरा रोष पनपा हुआ है।
18 सितंबर की रात को छोटा भंगाल घाटी के कोठी कोहड़ से पीछे बादल फटा और ऊहल नदी में मिलकर भीषण बाढ़ का रूप धारण कर लिया। इस बाढ़ में सैकड़ों पेड़ बह कर पंजाब राज्य बिजली बोर्ड की बरोट में बनी बैराज गेट में फंस गए। बैराज गेट के आठ गेट में से कोई भी गेट न खुलने से पानी का जल स्तर उठता गया और बाढ़ के पानी का रुख लक्कड़ बाजार की ओर हो गया। पीएचसी बरोट में सिल्ट भरा होने के कारण बीमार लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। खासकर प्रसव व इमर्जेंसी केसों को सिविल अस्पताल जोगिंद्रनगर जाना पड़ रहा है।
बरोट पंचायत के प्रधान सुरेश कुमार, बीडीसी अध्यक्ष गीता देवी, लपास पंचायत के उपप्रधान भोखी राम, वरधाण के प्रेम चंद, धमच्याण के रोशन लाल, तरस्वाण के राजू राम, राजपाल, सुभाष ठाकुर, यशंवत, रूमाल, सावित्री देवी, रीना देवी, पूर्व प्रधान बिंदना देवी, पूर्व उपप्रधान नंद लाल व श्याम लाल सहित क्षेत्र के लोगों ने पंजाब राज्य बिजली बोर्ड को चेताया है कि अगर दो तीन दिनों में पीएचसी बरोट से सिल्ट न हटाई तो बोर्ड के खिलाफ धरने व प्रदर्शन किए जाएंगे। इस समस्या के संबंध में प्रधान सुरेश कुमार की अध्यक्षता में डीसी मंडी, सीएमओ मंडी, एसडीएम पद्धर व बीएमओ पद्धर को प्रस्ताव पारित कर ज्ञापन सौंप दिए गए हैं।