हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की एक तथा विधानसभा की तीन सीटों के उपचुनावों में कांग्रेस ने 4-0 से क्लीन स्वीप करते हुए राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को करारी शिकस्त दी है।
कांग्रेस प्रत्याशी मंडी लोकसभा क्षेत्र के अलावा कांगड़ा जिले की फतेहपुर, सोलन जिले की अर्की तथा शिमला जिले की जुब्बल कोटखाई सीटों पर विजयी रहे हैं। कांग्रेस ने जहां मंडी लोकसभा सीट और जुब्बल कोटखाई सीट भाजपा से छीन ली हैं, वहीं दो अन्य सीटें बरकरार रखी हैं। हालांकि इन परिणामों की आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है।
उपचुनावों के अकसर परिणाम सत्तारूढ़ के पक्ष में ही जाते हैं, लेकिन राज्य में इन परिणामों से जहां भाजपा को करारा झटका लगा है, वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की व्यक्तिगत साख और उनकी सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस और भाजपा के बीच मंडी संसदीय तथा अर्की और फतेहपुर विधानसभा सीटों पर कांटे का मुकाबला रहा, लेकिन जुब्बल कोटखाई सीट पर भाजपा प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं।
मंडी संसदीय पर कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने सीधे चुनावी मुकाबले में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के ब्रिगेडियर(सेवानिवृत्त) खुशाल चंद ठाकुर को 8766 मतों के अंतर से पराजित किया। कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट छीन ली है।
श्रीमती सिंह को 3,65,650 मत, जबकि ब्रिगेडियर ठाकुर को 3,56, 884 मत मिले। इस उपचुनाव में 12626 लोगों ने नोटा का बटन दबाया। अन्य प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। इस चुनाव में कुल 7,42,771 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इनमें से 12626 ने नोटा दबाया।
इस उपचुनाव परिणाम से सदियों पुराना यह मिथक भी टूटा कि मंडी का सांसद कभी विपक्ष में नहीं बैठा। यहां से उसी पार्टी का प्रत्याशी जीतता था जिसकी राज्य में सरकार होती थी। उधर, जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट कांग्रेस के रोहित ठाकुर ने 6103 मतों से अंतर से जीती। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी चेतन ब्रागटा को पराजित किया।
श्री ठाकुर को 29447 और श्री बरागटा को 23344 मत मिले। श्री ठाकुर की जीत सूचना मिलते ही कांग्रेस समर्थकों ने पटाखे छोड़े और परंपरागत नाटी नृत्य शुरू हो गया। भाजपा की नीलम सरैक तीसरे स्थान पर रहीं। वह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई हैं। वह मतगणना में शुरू से ही पिछड़ गईं थीं।
कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट छीन ली है। मतगणना के शुरूआती दौर में यह साफ होने लगा था कि यह मुकाबला ठाकुर और ब्रागटा के बीच रहने वाला है। कांटे के इस मुकाबले में कभी बरागटा आगे और कभी ठाकुर आगे चल रहे थे।
राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद पार्टी के लिये यह चुनाव परिणाम बड़ा झटका है। इसी तरह अर्की विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के संजय अवस्थी ने अपने निकटतम प्रतिद्धद्धी रतन सिंह पाल को 3162 मतों के अंतर से पराजित किया। श्री अवस्थी को 28812, जबकि रतन पाल को 25260 मत मिले।
अन्य प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। यह सीट कांग्रेस ने बरकरार रखी। कांगड़ा जिले की फतेहपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के भवानी सिंह पठानिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वदी भाजपा के बलदेव ठाकुर को 5389 मतों के अंतर से पराजित किया।
भवानी सिंह को 24249, जबकि श्री ठाकुर को 18860 मत मिले। पूर्व विधायक डा. राजन सुशांत 12927 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे। अन्य प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस ने यह सीट बरकरार रखी। मंडी लोकसभा सीट भाजपा सांसद राम स्वरूप शर्मा, जबकि फतेहपुर विधानसभा सीट कांग्रेस विधायक सुजान सिंह पठानिया, अर्की से विधायक और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तथा जुब्बल कोटखाई से भाजपा विधायक और पार्टी के मुख्य सचेतक नरेंद्र ब्रागटा के निधन के कारण रिक्त हुई थीं।
मंडी से कांग्रेस ने श्री वीरभद्र सिंह की पत्नी को चुनाव में उतारा था, वहीं जुब्बल कोटखाई में भाजपा ने अपने दिवंगत विधायक नरेंद्र ब्रागटा के पुत्र चेतन बरागटा को चुनाव में न उतार कर नीलम सरेक पर दांव खेला था, लेकिन यह फैसला उल्टा साबित हुआ।
चेतन बरागटा भाजपा से टिकट न मिलने के बाद बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतर गये थे। फतेहगढ़ सीट से कांग्रेस ने अपने दिवंगत विधायक सुजान सिंह पठानिया के पुत्र भवानी सिंह पठानिया को चुनाव में उतारा था। ये उपचुनाव गत 30 अक्तूबर को हुए थे।