राज्य के सरकारी स्कूलों और कालेजों में पढ़ने वाले मेधावी छात्र जिन्हें प्रदेश सरकार हर साल टॉप में रहने पर लैपटॉप देती है उन्हें अब अगले साल से स्मार्ट फोन मिल सकते हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने इस योजना में बदलाव करते हुए अब लैपटॉप की बजाय स्मार्ट फोन देने का प्रोपोजल तैयार किया है जिसे प्रदेश सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया है।
अब यदि इसे फाइनल मंजूरी मिलती है तो यह तय है कि अगले साल से छात्रों को लैपटॉप की जगह स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश के स्कूलों और कालेजों के हजारों मेधावियों का लैपटॉप लेने का इंतजार दो साल बाद खत्म होने जा रहा है।
प्रदेश के करीब 19 हजार मेधावियों को इसी माह सरकार की ओर लैपटॉप दिए जाएंगे। शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 के मेधावियों को लैपटॉप दिए जाने हैं। दसवीं और 12वीं कक्षा सहित कालेजों के मेधावियों को राज्य सरकार सम्मानित करने के लिए लैपटॉप देती है। दो साल से मेधावी लैपटॉप के इंतजार में हैं।
इसके लिए उपचुनाव से पहले ही सारी प्रकिया पूरी कर ली गई थी लेकिन आचार संहिता के चलते यह कार्य लटक गया था। इसमें दसवीं के 4450, 12वीं के 4450 और यूजी में तीन संकायों के 900 मैरिटोरियस छात्रों को लैपटॉप दिए जाते हैं।
शिक्षा विभाग का कहना है कि मेधावियों को लैपटॉप देने की योजना पिछले कई सालों से चली आ रही है। दूसरा कोविड काल में देखने में आया है कि बच्चों को स्मार्ट फोन की ज्यादा जरूरत रही। स्मार्ट फोन आजकल ज्यादा प्रयोग में हैं और बच्चे कहीं भी आसानी से इसका प्रयोग कर सकते हैं।
दूसरा इसमें सारे लैटेस्ट फीचर भी उपलब्ध रहते हैं। मैरिटोरियस छात्रों को स्मार्ट फोन आबंटन के बाद अगर बजट बचता है तो उसकी एवज में स्मार्ट फोन उन बच्चों को देने का प्लान है जो बीपीएल और गरीब परिवार से संबंधित है। इन बच्चों को जरूरत के समय ये फोन काम आएंगे।