शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए पूर्ण साक्षरता प्राप्त कर ली है। राज्य ने राष्ट्रीय मानक 95 प्रतिशत को पार कर प्रभावशाली 99 प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त की है।
इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला के पीटरहॉफ में आयोजित उल्लास मेला शुभारंभ समारोह में हिमाचल प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस गुणात्मक शिक्षा पर है और इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं।
पूर्ण साक्षर राज्य हिमाचल प्रदेश दूसरों के लिए आदर्श बनकर उभरा है। यह उपलब्धि राज्य सरकार, शिक्षा विभाग, शिक्षकों और हिमाचलवासियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।
इसके साथ ही यह केंद्र प्रायोजित योजना उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की सफलता को भी दर्शाती है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुरूप लागू किया गया है।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा लागू जन-जन साक्षर कार्यक्रम 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के निरक्षरों को शिक्षा से जोड़ता है।
इस पहल ने शिक्षा से वंचित रहे लोगों को पुन: सीखने का अवसर दिया और आजीवन शिक्षा के लक्ष्य को मजबूती प्रदान की।
हिमाचल प्रदेश ने यह उपलब्धि राष्ट्रीय लक्ष्य से पांच वर्ष पहले हासिल कर देश के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया है। यह राज्य की शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
किसी कर्मचारी का वेतन नहीं कटेगा, हायर ग्रेड पे पर आर्डर वापस लेंगे
हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों को वर्ष 2022 में मिला हायर ग्रेड पे वापस लेने से उठा विवाद हल हो गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कर्मचारियों की एक नोटिफिकेशन गलत हो गई है, जिसको रेक्टिफाई करने का निर्णय लिया है।
इसमें कर्मचारियों को जो डबल इन्क्रीमेंट लगी थी, उसको विदड्रा करने की बात की गई है। मुख्यमंत्री पीटरहाफ में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 से पहले के सभी कर्मचारियों को ये इंक्रीमेंट दे दी है। इसको अब वापस नहीं लिया जाएगा। सरकार से जब पैसा एक बार किसी कर्मचारी को दे दिया जाता है, उसको वापस नहीं लेते हैं।